बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से टेलीफोन पर बातचीत में दोनों देशों के बीच रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चीन और फ्रांस को मिलकर वैश्विक व्यवस्था की रक्षा, सतत विकास को बढ़ावा देने और बहुपक्षीय सहयोग को दिशा देने वाली शक्तियों की भूमिका निभानी चाहिए।
शी ने ज़ोर देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्चता की रक्षा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों को बनाए रखना और असली बहुपक्षवाद को अपनाना आज की वैश्विक चुनौतियों का समाधान है। उन्होंने मई 2024 में फ्रांस दौरे के दौरान हुई सकारात्मक चर्चाओं की याद दिलाई और कहा कि दोनों देशों ने स्वतंत्रता, पारस्परिक समझ, रणनीतिक सोच और ‘विन-विन’ सहयोग की भावना को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया था।
इस दौरान राष्ट्रपति शी ने फ्रांस के साथ पारंपरिक क्षेत्रों—जैसे निवेश, अंतरिक्ष विज्ञान और परमाणु ऊर्जा—में सहयोग को गहरा करने और डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित विकास, बायोमेडिकल रिसर्च और वरिष्ठ नागरिकों की अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में साझेदारी को विस्तारित करने की वकालत की। उन्होंने जन-संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देने की बात कही ताकि दोनों देशों के नागरिकों के बीच बेहतर समझ और मजबूत मित्रता बन सके।
शी ने यह भी रेखांकित किया कि वर्ष 2025 द्वितीय विश्व युद्ध में विजय और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ है, और ऐसे में चीन और फ्रांस जैसे सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों को वैश्विक सहयोग और एकजुटता का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय हालात जटिल होते जा रहे हैं, चीन और फ्रांस को उतनी ही समझदारी से रणनीतिक फैसले लेने की जरूरत है।”
शी ने यूरोप को बहुध्रुवीय विश्व का एक स्वतंत्र और अहम स्तंभ बताया और यूरोपीय संघ की रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि चीन यूरोपीय संघ के साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और विश्व कल्याण के लिए ठोस परिणाम देने को तैयार है।
मैक्रों ने जताया भरोसा, बोले- चीन के साथ मजबूत रिश्ते कायम रहेंगे
इस बातचीत में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि फ्रांस-चीन और यूरोपीय संघ-चीन संबंध वैश्विक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि फ्रांस ‘वन-चाइना पॉलिसी’ का पूरी तरह समर्थन करता है और आने वाले समय में चीन के साथ व्यापार, निवेश और वैश्विक शांति के लिए संयुक्त प्रयास करेगा।
दोनों नेताओं ने बातचीत के दौरान यूक्रेन संकट, इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष और ईरान परमाणु मसले जैसे संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
यह उच्चस्तरीय वार्ता ऐसे समय में हुई है जब दुनिया अस्थिरता और टकराव के दौर से गुजर रही है—ऐसे में चीन और फ्रांस की साझेदारी वैश्विक स्थिरता की एक आशा बनकर उभरती दिख रही है।