नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर आज से नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी के छह दिवसीय दौरे पर रवाना हो रहे हैं। 24 मई तक चलने वाले इस दौरे में जयशंकर ना सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेंगे, बल्कि इन देशों के नेताओं को पाकिस्तान की आतंकी साजिशों और उसके काले कारनामों से भी रूबरू कराएंगे।
विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि जयशंकर इस यात्रा के दौरान तीनों देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। खासतौर से वह हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में भी जानकारी साझा करेंगे।
जयशंकर पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर करने की रणनीति के तहत सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के उसके रवैये की कड़ी निंदा कर सकते हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में सीमा पर चार दिन तक तनावपूर्ण सैन्य झड़पें हुई हैं। यह जयशंकर की उस घटना के बाद पहली विदेश यात्रा है।
गौरतलब है कि 6 और 7 मई की दरमियानी रात, भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत मात्र 25 मिनट में 24 मिसाइलें दागकर पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया। इनमें से पांच शिविर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जबकि चार पाकिस्तान की सीमा के भीतर थे। इन कैंपों में आतंकी भर्ती और प्रशिक्षण गतिविधियां चल रही थीं।
इस कार्रवाई में आतंक के मास्टरमाइंड मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य मारे गए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी 8 से 10 मई के बीच भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की नाकाम कोशिश की। चार दिन तक चले तनाव के बाद आखिरकार 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनी।