जम्मू: पिछले चार दिनों से भारत-पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में चली आ रही गोलीबारी थमने के बाद लोगों के दिलों में डर धीरे-धीरे कम हो रहा है। अब कई परिवार अपने घरों को लौट रहे हैं, लेकिन सुरक्षा को लेकर सावधानी बरतते हुए बुजुर्ग और बच्चे अभी भी सुरक्षित शिविरों में रहना पसंद कर रहे हैं।
आरएसपुरा, सांबा, पुंछ, राजौरी के सीमावर्ती गांवों में वापसी शुरू
आसएस पुरा, सांबा, पुंछ, राजौरी जैसे इलाकों के लोग अब अपने घरों की ओर लौट चुके हैं। हालांकि, अभी भी कुछ लोग प्रशासन द्वारा सुरक्षित जगहों पर बनाए गए शिविरों में रह रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासी अपने घरों की मरम्मत में जुटे हैं ताकि नुकसान पहुंचाए गए मकानों को फिर से रहने लायक बनाया जा सके। इस दौरान, भारत की कड़ी जवाबी कार्रवाई से लोगों में संतोष और भरोसा देखने को मिला है।
जम्मू शहर में लौट रही है रौनक, मंदिरों में बढ़ रही है श्रद्धालुओं की भीड़
मंदिरों के शहर जम्मू में भी अब जनजीवन सामान्य हो गया है। लोग बावे वाली माता और वैष्णों देवी मंदिर में पहुंचकर देश की सलामती और शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। वैष्णों देवी मंदिर में भक्तों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
स्कूल भी खुलने लगे, पर कुछ इलाकों में अभी भी बंद
सरकारी व निजी स्कूल गुरुवार को अपने निर्धारित समय के अनुसार फिर से खुल गए हैं, लेकिन सीमावर्ती इलाकों में जहां शिविर लगाए गए हैं, वहां स्कूल फिलहाल बंद हैं। शिक्षा विभाग ने जम्मू संभाग के पांच जिलों में आंशिक रूप से स्कूल खोलने का आदेश दिया है, जबकि सीमावर्ती इलाकों के कुछ स्कूल अभी बंद रहेंगे।
अधिकारियों का प्रभावित इलाकों का दौरा, जल्द मिलेगा मुआवजा
इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिंह, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, कई मंत्री और भाजपा नेता प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का जायजा ले रहे हैं। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को जल्द उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।