इस्लामाबाद। पाकिस्तान में तहरीक तहफुज आईन-ए-पाकिस्तान (टीटीएपी) के नेता महमूद खान अचकजई के आवास पर हुए हंगामे के बाद विपक्षी दलों को एकजुट होने का मौका मिल गया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी), अवाम पाकिस्तान और मजलिस वहदत-ए-मुस्लिमीन (एमडब्ल्यूएम) सहित अन्य विपक्षी दलों ने मिलकर महागठबंधन बनाया है, जो संघीय सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने में जुट गया है। दो दिवसीय विपक्षी सम्मेलन आज इस्लामाबाद में शुरू हुआ।
‘द न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, सम्मेलन में कई नेताओं ने संघीय सरकार पर संविधान की अनदेखी करने का आरोप लगाया। इसमें पीटीआई महासचिव सलमान अकरम राजा, एसआईसी प्रमुख साहिबजादा हामिद रजा, अवाम पाकिस्तान के शाहिद खाकन अब्बासी, एमडब्ल्यूएम के नासिर शिराजी समेत कई अन्य नेता मौजूद रहे। इस विपक्षी गठबंधन को ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) नाम दिया गया है।
महागठबंधन के बयान में कहा गया, “पाकिस्तान गंभीर संकटों से गुजर रहा है। एक समृद्ध और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने की कोशिशों के बावजूद, साजिशों, अलोकतांत्रिक हस्तक्षेप, भ्रष्टाचार और संस्थागत संघर्षों ने देश को अस्थिरता की ओर धकेल दिया है। 2024 के चुनाव में जनता के जनादेश को कुचल दिया गया, जिससे निराशा और अनिश्चितता बढ़ रही है।”
संविधान की सर्वोच्चता पर जोर देते हुए अवाम पाकिस्तान के संयोजक शाहिद खाकन अब्बासी ने कहा, “वर्तमान सरकार जनता की सच्ची प्रतिनिधि नहीं है। यह अवैध रूप से बनी सरकार संविधान से डरती है।” वहीं, एसआईसी प्रमुख हामिद रजा ने कहा, “लोकतंत्र और मानवाधिकारों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। चाहे कुछ भी हो, यह राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होगा।”
पीटीआई नेता सलमान अकरम राजा ने भी मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ अपनी आवाज उठाने की प्रतिबद्धता दोहराई।