HEARING, EAR

ईयरफोन से दोस्ती या दुश्मनी? ये लत बना सकती है आपको हमेशा के लिए बहरा!

मेट्रो में सफर करते वक्त, वर्कआउट के दौरान या देर रात सुकून से म्यूजिक सुनते समय – ईयरफोन आज की लाइफस्टाइल का जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये ईयरफोन धीरे-धीरे आपकी सुनने की शक्ति को खत्म कर सकते हैं?

अगर आप भी तेज़ वॉल्यूम में घंटों ईयरफोन लगाए रहते हैं, तो संभल जाइए – आपकी ये आदत आपको स्थायी बहरेपन की ओर ले जा सकती है!


🔴 क्यों खतरे में हैं आपके कान?

हमारे कानों के अंदर बेहद नाजुक “हेयर सेल्स” होते हैं, जो ध्वनि को मस्तिष्क तक पहुंचाते हैं। लगातार तेज आवाज से ये सेल्स धीरे-धीरे डैमेज हो जाते हैं। और एक बार ये सेल्स खत्म हो जाएं तो ये फिर कभी वापस नहीं आते, जिससे सुनने की शक्ति हमेशा के लिए चली जाती है।


ईयरफोन से जुड़ी सबसे खतरनाक गलतियां

  • तेज वॉल्यूम पर गाने सुनना – इतना कि आसपास की आवाजें गायब हो जाएं।
  • 3-4 घंटे लगातार ईयरफोन लगाए रहना – कानों पर जबरदस्त दबाव डालता है।
  • इन-ईयर ईयरफोन का अत्यधिक उपयोग – ये सीधे ध्वनि को कान की नसों तक पहुंचाते हैं।
  • सोते समय ईयरफोन लगाकर म्यूजिक सुनना – नींद में कानों को ज्यादा नुकसान होता है।

🛑 कान बचाने के लिए अपनाएं ’60-60 रूल’

  • मोबाइल या लैपटॉप की अधिकतम आवाज का 60% से ज्यादा वॉल्यूम न रखें।
  • ईयरफोन का 60 मिनट से ज्यादा लगातार इस्तेमाल न करें।
  • हर घंटे में कम से कम 5-10 मिनट का ब्रेक ज़रूर लें।

⚠️ बहरेपन के शुरुआती लक्षण जानिए

  • बात करते समय सामने वाले की बात साफ सुनाई न देना
  • बार-बार “क्या कहा?” पूछना।
  • टीवी या फोन की आवाज हमेशा ज्यादा कर देना
  • कानों में घंटी या सीटी बजने जैसी आवाजें सुनाई देना।

अगर इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत ईएनटी स्पेशलिस्ट से संपर्क करें


सुनने की शक्ति को बनाए रखने के स्मार्ट टिप्स

  • नॉइज कैंसिलिंग हेडफोन्स का इस्तेमाल करें, जिससे वॉल्यूम बढ़ाने की जरूरत न पड़े।
  • पब्लिक प्लेसेज़ में कम आवाज में सुनें।
  • ईयरफोन यूज़ करने वालों को नियमित रूप से कानों की जांच करानी चाहिए।
  • बच्चों को कम उम्र से ही ईयरफोन की आदत न डालें – ये उनके सुनने की क्षमता को जल्दी नुकसान पहुंचा सकती है।

संगीत का आनंद लें, लेकिन समझदारी से।
क्योंकि अगर आज आप नहीं रुके, तो कल सन्नाटा ही आपका साथी बन सकता है।

कानों की देखभाल के लिए घरेलू उपाय

1. सरसों या नारियल तेल से कान की सफाई

हर 10-15 दिन में गुनगुने सरसों या नारियल तेल की 1-2 बूंद कानों में डालें। यह कान की मैल को मुलायम कर उसे आसानी से निकालने में मदद करता है। ध्यान रखें: कभी भी किसी नुकीली चीज से सफाई न करें।

2. लहसुन का तेल – संक्रमण से बचाव के लिए

लहसुन में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। कुछ लहसुन की कलियां सरसों के तेल में गर्म करके ठंडा होने पर 1-2 बूंद कान में डालने से संक्रमण की आशंका कम होती है।

3. तुलसी का रस – हल्की सूजन या जलन में फायदेमंद

तुलसी की कुछ पत्तियों को पीसकर उसका रस निकालें और कपड़े से छानकर हल्का गर्म करें। इस रस की 1 बूंद कान में डालें। यह सूजन और जलन को शांत करता है।

4. भाप लेना – बंद कान खोलने के लिए

अगर आपको लगता है कि कान बंद हो गए हैं या भारी महसूस हो रहा है, तो गर्म पानी से भाप लें। इससे नाक और कान के रास्ते खुलते हैं और दबाव कम होता है।

5. शोरगुल से दूरी बनाए रखें

लाउड म्यूजिक, ज़ोरदार ट्रैफिक या मशीनों की आवाज़ से दूर रहने की कोशिश करें। अगर ऐसा मुमकिन न हो, तो इयरप्लग्स का इस्तेमाल करें।

6. आंवला – सुनने की शक्ति बढ़ाने के लिए

रोजाना आंवला का सेवन (कच्चा, जूस या चूर्ण के रूप में) करने से सुनने की क्षमता में सुधार होता है। यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है।

7. हेल्दी डाइट – कानों को पोषण दें

विटामिन A, C और E से भरपूर चीज़ें खाएं जैसे गाजर, पालक, टमाटर, ड्राई फ्रूट्स और हरी सब्जियां। ये कान की नसों को मजबूत करने में मदद करती हैं।


⚠️ ध्यान रखें:

  • कभी भी बॉलपेन, हेयरपिन या माचिस की तीली से कान में सफाई न करें।
  • अगर कान में दर्द, मवाद या सुनाई देना कम हो जाए, तो घरेलू नुस्खे की जगह तुरंत डॉक्टर से मिलें।
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