नई दिल्ली: देश में स्टार्टअप्स को नया पंख देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। स्टार्टअप्स के लिए पूंजी जुटाने की राह को आसान बनाने के मकसद से सरकार ने क्रेडिट गारंटी योजना (CGSS) का दायरा दोगुना कर दिया है। इससे बैंकों और वित्तीय संस्थानों को स्टार्टअप्स को लोन देने में अब पहले से ज्यादा भरोसा मिलेगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान जारी कर बताया कि उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने योजना के विस्तार को अधिसूचित कर दिया है। अब इस योजना के तहत प्रति उधारकर्ता गारंटी कवर की अधिकतम सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दी गई है। साथ ही, 10 करोड़ रुपये तक के ऋण पर डिफॉल्ट होने की स्थिति में गारंटी कवर 85 फीसदी तक और 10 करोड़ रुपये से अधिक के लोन के लिए 75 फीसदी तक रहेगा।
यह विस्तार केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई घोषणा के अनुरूप है और स्टार्टअप्स को वित्तीय मजबूती देने में अहम भूमिका निभाएगा।
गौरतलब है कि यह क्रेडिट गारंटी योजना (CGSS) पहली बार 6 अक्टूबर, 2022 को लागू की गई थी। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 जनवरी, 2016 को शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। योजना के तहत स्टार्टअप्स को बिना किसी संपार्श्विक के वर्किंग कैपिटल, टर्म लोन और उद्यम ऋण जैसे विकल्पों के माध्यम से वित्तीय सहायता दी जाती है।
सरकार के इस फैसले से स्टार्टअप्स को न केवल पूंजी जुटाने में राहत मिलेगी बल्कि नए बिजनेस आइडियाज को साकार करने में भी गति मिलेगी।