DR. S. JAISHANKAR

तकनीकी नवाचार और परंपरा का संगम जरूरी: डॉ. जयशंकर

नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि दुनिया तेजी से भविष्य की ओर बढ़ रही है, और इस बदलाव के परिणामों को समझना बहुत जरूरी है। उन्होंने मुंबई में आयोजित वर्ल्ड ऑडियो विज़ुअल एंड एंटरटेनमेंट शिखर सम्मेलन (वेव्स) के वैश्विक मीडिया संवाद सत्र में तकनीकी विकास और उनके सामाजिक प्रभावों पर अपने विचार साझा किए।

डॉ. जयशंकर ने उभरती तकनीकों के जिम्मेदार उपयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों के प्रति सतर्क और सचेत रहना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कंटेंट को लोकतांत्रिक बनाना, पूर्वाग्रहों को कम करना और तकनीकी नैतिकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है।

उनका मानना है कि तकनीक और परंपरा का तालमेल बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। खासकर नई पीढ़ी में अपनी विशाल सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूकता बढ़ाने में तकनीक अहम भूमिका निभा सकती है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि नवाचार ही विकसित भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। साथ ही, वैश्विक कार्यस्थल और कार्यबल के लिए सोच, नीति और व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता है।

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि हमें युवा प्रतिभाओं को रचनात्मक संचार, खेल और सहयोग के युग के लिए तैयार करने की जरूरत है, जिसमें कौशल विकास और प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि वेव्स मंच वैश्विक मीडिया, मनोरंजन और रचनात्मक क्षेत्रों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रभावी और सार्थक संवाद का एक बेहतरीन मंच साबित होगा।

अंत में, डॉ. जयशंकर ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए इस संवाद सत्र को उपयोगी और रचनात्मक बनाने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि यह मंच आने वाले वर्षों में तकनीकी दिशा और दृष्टिकोण को एक नया मार्ग दिखाएगा।

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