नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। इसी बीच, भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने हॉटलाइन पर बातचीत की और पाकिस्तान की तरफ से बिना उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर चेतावनी दी।
भारत ने पाकिस्तान को दी सख्त चेतावनी
पाकिस्तानी सेना की ओर से एलओसी पर लगातार बिना उकसावे के की जा रही गोलीबारी को भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। 26-27 अप्रैल की रात, भारतीय सेना ने तुतमारी गली और रामपुर सेक्टर में पाकिस्तानी फायरिंग का प्रभावी तरीके से जवाब दिया। इसके बाद, 27-28 अप्रैल की रात, कुपवाड़ा और पुंछ जिलों के आसपास पाकिस्तानी सेना ने फिर से बिना उकसावे के गोलीबारी की, जिसे भारतीय सेना ने सटीक और मजबूत जवाब दिया।
पाकिस्तान की गोलीबारी के पीछे क्या हो सकती है साज़िश?
भारत के रक्षा अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान सेना की ओर से 22 अप्रैल के बाद रात के वक्त की जाने वाली गोलीबारी का उद्देश्य सीमा पर तनाव बढ़ाना और भारतीय सेना की चौकियों को निशाना बनाना हो सकता है। 29-30 अप्रैल की रात, पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों के सामने भी बिना उकसावे के गोलीबारी की, जिसे भारतीय सेना ने तुरंत और प्रभावी तरीके से नकारा।
दोनों देशों के सैन्य प्रमुखों के बीच हुई बातचीत
पहलगाम आतंकी हमले के बाद, दोनों देशों के सैन्य प्रमुखों ने मंगलवार रात हॉटलाइन पर बातचीत की और संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर अपने-अपने दृष्टिकोण साझा किए। भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट चेतावनी दी कि एलओसी पर बिना उकसावे के किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघनों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पाकिस्तानी सेना ने हटाए झंडे, खाली की पोस्ट
पाकिस्तान ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के आठ दिन बाद जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के पर्गवाल इलाके में कई पोस्टों को खाली कर दिया और इन पोस्टों से झंडे भी हटा लिए। यह कदम क्या रणनीतिक बदलाव का संकेत है, इस पर विशेषज्ञों की नजरें बनी हुई हैं।