पर्थ। भारतीय महिला हॉकी टीम की चुनौती अब और बड़ी हो गई है, क्योंकि वह ऑस्ट्रेलिया की सीनियर टीम के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज खेलने के लिए तैयार है। यह रोमांचक मुकाबले 1, 3 और 4 मई को पर्थ हॉकी स्टेडियम में खेले जाएंगे। पहले दो मैचों में ऑस्ट्रेलिया ए टीम से हार का सामना करने के बाद, भारतीय टीम अब नई रणनीतियों के साथ अपनी ताकत आजमाने जा रही है।
पहले दो मैचों में मिली हार, लेकिन सीरीज में नई उम्मीद
ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ पहले मैच में भारत ने शानदार संघर्ष किया, लेकिन वह 3-5 से हार गया। भारत की ओर से कप्तान महिमा टेटे (27’) और नवनीत कौर (45’) ने गोल किए, जबकि ऑस्ट्रेलिया ए की ओर से नीसा फ्लिन और ओलिविया डाउन्स जैसी खिलाड़ियों ने अपनी टीम को बढ़त दिलाई। दूसरे मैच में भी भारत को 2-3 से हार झेलनी पड़ी, हालांकि, ज्योति सिंह ने भारत को शुरुआती बढ़त दिलाई थी, लेकिन बाद में ऑस्ट्रेलिया ए ने मुकाबला पलट दिया।
सीनियर ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ होगी असली परीक्षा
अब भारतीय टीम सीनियर ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ मैदान में उतरेगी, और यह चुनौती कहीं अधिक कठिन होगी। पिछले मुकाबले में भारत ने एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2023-24 में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराया था। कप्तान सलीमा टेटे और उपकप्तान नवनीत कौर के नेतृत्व में भारतीय टीम इस बार भी उतनी ही ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ तैयार है।
कोच हरेंद्र सिंह का युवाओं पर भरोसा, बोले- ‘आगे का रास्ता अनुभव से होगा साफ’
टीम के प्रदर्शन पर कोच हरेंद्र सिंह ने कहा, “हमने कुछ सॉफ्ट गोल जरूर खाए हैं, जो निराशाजनक थे, लेकिन प्रदर्शन प्रतिस्पर्धात्मक रहा है। यह एक टेस्ट सीरीज है, जहां जीत-हार से ज्यादा अनुभव अहम है। कई खिलाड़ी पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे हैं, और मैं उन्हें इस सीरीज में अवसर दे रहा हूं ताकि वे भविष्य के लिए तैयार हो सकें।”
उन्होंने कहा कि आगामी वर्ल्ड कप से पहले हर खिलाड़ी को कम से कम 35 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का लक्ष्य होना चाहिए। महिमा टेटे की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “वह सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली खिलाड़ी हैं। उनकी गति और फुर्ती शानदार हैं।” इसके अलावा पूजा, सुजाता और अजमीना जैसी युवा खिलाड़ी भी अपनी कड़ी मेहनत से अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।
टीम में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, सभी खिलाड़ी सीखने के मूड में
कोच ने अंत में कहा, “टीम में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है और सभी खिलाड़ी सीखने के लिए उत्साहित हैं। हमें कठिन टीमों के खिलाफ सरल हॉकी खेलते हुए अनुभव बटोरना है।”