ओटावा। कनाडा में आज हो रहे संसदीय चुनाव में सत्ता के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। मुख्य मुकाबला प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व वाली लिबरल पार्टी और पियरे पोइलिव्रे की कंजर्वेटिव पार्टी के बीच है। देश के नागरिक यह फैसला करेंगे कि भविष्य के लिए किसे सरकार का नेतृत्व सौंपा जाए—क्या यह मार्क कार्नी होंगे या फिर पियरे पोइलिव्रे?
चुनाव में इस बार प्रमुख मुद्दा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा पर लगाए गए टैरिफ हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा की अर्थव्यवस्था इन टैरिफ से दबाव में है, और कुछ मतदाता लिबरल पार्टी को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनका विरोध कर रहे हैं। लिबरल पार्टी पिछले एक दशक से सत्ता में है, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी छोटे सरकार, करों में कटौती और विनियमन में ढील देने का वादा कर रही है। हालांकि, लिबरल पार्टी को वापसी की उम्मीद भी है। पोल रात 9:30 बजे (पूर्वी समय) के बाद बंद होंगे।
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन रविवार को उम्मीदवारों ने जोर-शोर से जनता से वोट मांगे, लेकिन इस दौरान वैंकूवर में एक घातक कार-हमला हुआ, जिसने चुनाव प्रचार पर भारी असर डाला। इस घटना ने थोड़ी देर के लिए ट्रंप से जुड़े मुद्दों से ध्यान हटा दिया।
इस बार खास बात यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो चुनावी दौड़ से बाहर हैं। 60 वर्षीय मार्क कार्नी मार्च में लिबरल पार्टी के नेता चुने गए और उन्होंने जस्टिन ट्रूडो की जगह ली। कार्नी राजनीति में नए हैं, लेकिन इससे पहले वह कनाडा और इंग्लैंड के दो बड़े बैंकों के प्रमुख रह चुके हैं। उनका बड़ा लाभ यह है कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। वहीं, 45 वर्षीय पियरे पोइलिव्रे दो दशकों से कनाडा की राजनीति में सक्रिय हैं और अपनी तीव्र शैली के लिए प्रसिद्ध हैं।
इसके अलावा, ब्लॉक क्यूबेकॉइस और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी भी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन ये दोनों दल सरकार बनाने की दौड़ से बाहर हैं। ब्लॉक क्यूबेकॉइस क्यूबेक के स्थानीय और क्यूबेक राष्ट्रवादी मुद्दों पर केंद्रित है, जबकि न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी वामपंथी विचारधारा का पालन करती है। ब्लॉक क्यूबेकॉइस के नेता यवेस-फ्रांस्वा ब्लैंचेट हैं, जबकि न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता 46 वर्षीय जगमीत सिंह हैं।