प्योंगयांग। उत्तर कोरिया ने लगभग छह महीने बाद यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का समर्थन करने की पुष्टि की, जिससे वैश्विक चिंताओं में और इजाफा हुआ है। प्योंगयांग ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि उसने रूस के साथ यूक्रेन युद्ध में भाग लेने के लिए अपनी सेना को तैनात किया। इस बीच, रूस ने दावा किया है कि द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ से पहले, यूक्रेन के युद्ध मैदान में मास्को को निर्णायक बढ़त मिल जाएगी।
द कोरिया हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, प्योंगयांग का यह कदम बाहरी स्तर पर पारस्परिक समझौतों को मजबूत करने और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मज़बूत समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया है। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार किम जोंग-उन के रूस के विजय दिवस समारोह में शामिल होने की संभावना कम है। इसके बावजूद, इस घोषणा से यह भी संकेत मिलता है कि उत्तर कोरिया और रूस के बीच दीर्घकालिक सैन्य गठबंधन बनने की दिशा में कदम बढ़ सकता है।
रविवार को किए गए इस अहम ऐलान को वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के केंद्रीय सैन्य आयोग ने आधिकारिक बयान के रूप में जारी किया, जिसे कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने प्रमुखता से प्रसारित किया। इससे पहले यह खबर उत्तर कोरिया के सरकारी समाचार पत्र “रोडोंग सिनमुन” में भी सुर्खियों में आई थी। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया के सैनिकों ने अपने नेता के आदेश पर रूस के “कुर्स्क क्षेत्र मुक्ति अभियान” में हिस्सा लिया और यूक्रेनी बलों को नष्ट करने तथा रूसी इलाके को मुक्त करने में अहम भूमिका निभाई।
कोरियाई भाषा में जारी बयान में कहा गया, “ऐसे बहादुर सैनिकों का होना हमारे लिए गर्व की बात है।” इस पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भी उत्तर कोरियाई सैनिकों की सराहना करते हुए बयान जारी किया।