चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान से नशा तस्करी को रोकने के लिए भारत-पाक सीमा पर एंटी ड्रोन तकनीक लागू करने का निर्णय लिया है। यह तकनीक इस वर्ष सितंबर-अक्टूबर तक पूरी तरह से कार्यान्वित हो जाएगी। यह जानकारी राज्य के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने दी।
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने सोमवार को चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि राज्य को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य 31 मई तक रखा गया है। इसके तहत राज्य के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि 31 मई के बाद अगर नशा तस्करी की कोई घटना सामने आई, तो इसके लिए संबंधित एसएसपी और पुलिस आयुक्त जिम्मेदार होंगे।
डीजीपी यादव ने कहा कि अभियान की समय सीमा के बाद उसकी समीक्षा की जाएगी। इस दौरान जिन अधिकारियों का प्रदर्शन अच्छा होगा, उन्हें सम्मानित किया जाएगा, जबकि जिनका काम मानकों के अनुसार नहीं होगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत-पाक सीमा पर एंटी ड्रोन तकनीक का परीक्षण सफलतापूर्वक हो चुका है और गृह मंत्रालय के संपर्क में रहते हुए इसे सितंबर-अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
इसके साथ ही, नशा तस्करी से संबंधित मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए राज्य सरकार 22.8 करोड़ रुपये की लागत से विशेष कोर्ट बनाने जा रही है। इस दौरान हवाला नेटवर्क को खत्म करने के लिए भी कार्रवाई जारी है। अब तक 31 हवाला ऑपरेटर गिरफ्तार किए गए हैं और 8 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त की गई है। पंजाब पुलिस द्वारा पाकिस्तान के स्मगलर्स और भारतीय हवाला ऑपरेटर्स को भी गिरफ्तार किया गया है।
डीजीपी ने बताया कि नशे के मामलों में पुलिस का काम शानदार रहा है और अब तक 836 मामलों में 90 प्रतिशत कंविक्शन रेट हासिल किया गया है। इनमें से 744 मामलों में दोषियों को सजा सुनाई गई है और 144 आरोपियों को 10 साल से अधिक की सजा मिली है। पंजाब पुलिस अब अवैध नशा व्यापारियों के आलीशान घरों को बुलडोजर से गिरा रही है और अब तक 67 से अधिक घरों को गिराया जा चुका है।
नशा तस्करी पर कड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 7414 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 31 मई तक नशा तस्करों के खिलाफ अभियान जारी रखने का आदेश दिया गया है।