नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 121वें एपिसोड में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि हमले के पीड़ित परिवारों को जल्द न्याय मिलेगा और हमले के साजिशकर्ताओं को कठोरतम सजा दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, और भारत के 140 करोड़ नागरिकों की एकजुटता ही आतंकवाद के खिलाफ इस संघर्ष की सबसे बड़ी ताकत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया आज देख रही है कि इस हमले के बावजूद भारत आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में खड़ा है।” उन्होंने बताया कि वैश्विक नेताओं ने भी भारत के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और हमले की कड़ी निंदा की है। मोदी ने इसे जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास की दिशा में हो रहे सकारात्मक बदलावों को रोकने की नाकाम कोशिश बताया और कहा कि यह हमला उन बदलावों को रोकने के लिए था, जो आतंकवादियों के लिए असहनीय थे।
प्रधानमंत्री ने चंपारण सत्याग्रह के ऐतिहासिक संघर्ष को याद करते हुए युवाओं को महात्मा गांधी और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा किए गए इस संघर्ष को समझने के लिए ‘सत्याग्रह इन चंपारण’ पुस्तक पढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने 1917 के चंपारण आंदोलन को ब्रिटिश अत्याचारों और किसानों के अधिकारों की लड़ाई के रूप में पेश किया, जब बिहार की भूमि पर अंग्रेज किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर कर रहे थे।
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने ‘सचेत ऐप’ की जानकारी दी, जो प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप और चक्रवात के समय लोगों को अलर्ट भेजता है, ताकि वे आपदा से बचने के लिए समय रहते कदम उठा सकें।
प्रधानमंत्री ने म्यांमार में भूकंप के बाद भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ का उल्लेख करते हुए मानवता की भावना को उजागर किया। उन्होंने भारत की वैश्विक भूमिका को सराहते हुए अफगानिस्तान और नेपाल को जीवनरक्षक दवाएं और वैक्सीन्स भेजने का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने देश के महान वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता को भी सराहा और बताया कि भारत आज गगनयान, चंद्रयान-4, वीनस ऑर्बिटर मिशन, और मार्स लैंडर मिशन जैसी महत्वपूर्ण अंतरिक्ष परियोजनाओं में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है।
विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में भी प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा विज्ञान केंद्र और गुजरात साइंस सिटी का उल्लेख किया, जहां बच्चों और युवाओं को विज्ञान में रुचि बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की जानकारी दी, जिसके तहत 140 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने अंत में कर्नाटक के बागलकोट के श्रीशैल तेली का उदाहरण दिया, जिन्होंने मैदानों में सेब की सफल खेती कर खेती में नवाचार की मिसाल पेश की है।