अलविदा पोप फ्रांसिस: सेंट पीटर बेसिलिका से हटकर, बेसिलिका डी सांता मारिया मैगीगोर में दी गई अंतिम विदाई

वेटिकन सिटी। वेटिकन सिटी में 21 अप्रैल को चिरनिद्रा में लीन हुए पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार आज पूरे धार्मिक सम्मान के साथ किया गया। इस समारोह में पोप के ताबूत को सेंट पीटर बेसिलिका से हटकर बेसिलिका डी सांता मारिया मैगीगोर में दफनाया गया। इस परिवर्तन के पीछे पोप फ्रांसिस की इच्छा थी, जिन्होंने सादे मकबरे की कामना की थी। अंतिम संस्कार की प्रार्थना सभा के बाद, ईसाई धर्मगुरु के ताबूत को पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफनाया गया। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए लगभग ढाई लाख लोग उपस्थित थे, जबकि 170 देशों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल 50 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और 10 सम्राटों ने पोप को अंतिम विदाई दी।

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर जैसे विश्व के कई प्रमुख नेताओं ने पोप को नमन किया। इस दौरान विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे भी सैनिकों के साथ खड़े हुए नजर आए।

वेटिकन प्रेस कार्यालय ने बताया कि पोप फ्रांसिस के ताबूत के अंतिम दर्शन शुक्रवार को बंद कर दिए गए थे। ताबूत को सील करने की रस्म स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे रोम के सेंट पीटर बेसिलिका में की गई। इस दौरान वेटिकन के अंतरिम प्रबंधक कार्डिनल केविन फैरेल ने दस्तावेज पढ़े और उन्हें ताबूत में रखा। वेटिकन न्यूज के अनुसार, तीन दिनों में लगभग 250,000 लोग पोप को श्रद्धांजलि देने के लिए सेंट पीटर बेसिलिका पहुंचे।

भारत ने पोप के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया था और 26 अप्रैल को उनके अंतिम संस्कार के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप के निधन पर गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त की थीं, और कहा था कि भारत के प्रति पोप का स्नेह हमेशा याद रखा जाएगा।

पोप फ्रांसिस का अंतिम संदेश, जो उन्होंने अपनी मृत्यु से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर दिया था, अब भी लोगों के दिलों में गूंज रहा है – “मसीह जी उठे हैं! इस बात में हमारे जीवन का सारा अर्थ छिपा है। हम मृत्यु के लिए नहीं, जीवन के लिए बने हैं।”

आखिरकार, पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार रोम के समय अनुसार सुबह 10 बजे शुरू हुआ, और दोपहर के बाद उनका ताबूत दफनाया गया। पोप के पार्थिव शरीर को उनके आधिकारिक वाहन ‘पोप मोबाइल’ से बेसिलिका डी सांता मारिया मैगीगोर तक सम्मान के साथ पहुंचाया गया, जहां अंतिम संस्कार की रस्में पूरी हुईं।

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