नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष और देश के महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन का निधन हो गया। उन्होंने आज 84 वर्ष की आयु में बेंगलुरु में अंतिम सांस ली। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे डॉ. कस्तूरीरंगन ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
डॉ. कस्तूरीरंगन का योगदान भारतीय अंतरिक्ष मिशनों में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। 1994 से 2003 तक इसरो के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपग्रह प्रक्षेपण अभियानों का नेतृत्व किया और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित किया।
इससे पहले, वह इसरो उपग्रह केंद्र के निदेशक थे, जहाँ उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (INSAT-2) और भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (IRS-1A और 1B) जैसे महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं का नेतृत्व किया। इसके अतिरिक्त, डॉ. कस्तूरीरंगन ने 2003 में अपनी सेवानिवृत्ति से पहले, भारतीय अंतरिक्ष आयोग और भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य किया।
डॉ. कस्तूरीरंगन की उपलब्धियाँ और योगदान भारतीय विज्ञान जगत में हमेशा याद किए जाएंगे। उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।