रांची: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अफसर मनीष रंजन का पार्थिव शरीर गुरुवार को रांची एयरपोर्ट लाया गया। एयरपोर्ट पर भावुक माहौल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि देने पहुंचे नेताओं में भाजपा राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा, रांची महानगर अध्यक्ष वरुण साहू सहित अन्य नेता भी शामिल रहे। इसके बाद मनीष रंजन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक निवास पश्चिम बंगाल के झालदा भेजा गया, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।
मनीष रंजन के पिता मंगलेश मिश्रा, जो झालदा हिंदी हाई स्कूल के पूर्व प्रधानाध्यापक हैं, ने केंद्र सरकार से आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “अब वक्त आ गया है कि सरकार ठोस कदम उठाए।”
“ये हमला सिर्फ 26 लोगों पर नहीं, 140 करोड़ भारतीयों पर हमला है,” – बाबूलाल मरांडी
मरांडी ने कहा कि यह हमला क्षमा करने योग्य नहीं है और भारत सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि “जिन लोगों ने इस हमले को प्रायोजित किया है, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। देशद्रोहियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
एक पारिवारिक यात्रा बनी त्रासदी
हैदराबाद में आईबी के सेक्शन ऑफिसर के पद पर कार्यरत मनीष रंजन, अपनी पत्नी जया, 12 वर्षीय बेटे और 8 वर्षीय बेटी के साथ कश्मीर घूमने गए थे। दुर्भाग्यवश, उनकी यह यात्रा एक भयावह हादसे में बदल गई जब मंगलवार को पहलगाम में आतंकियों ने उन पर गोली चला दी।
शादी 2010 में प्रयागराज की जया से हुई थी। मूल रूप से बिहार के सासाराम निवासी मनीष का परिवार फिलहाल पश्चिम बंगाल के झालदा में रहता है।
पूरा देश इस बहादुर अफसर की शहादत को सलाम कर रहा है, और अब निगाहें सरकार की उस जवाबी कार्रवाई पर टिकी हैं, जिसकी मांग पूरे देश में उठ रही है।
