छत्तीसगढ़ के आईपीएस अधिकारियों की संपत्ति: दुर्ग एसएसपी सबसे अमीर, 33 में से सिर्फ 15 ने दी जानकारी

रायपुर: छत्तीसगढ़ के 110 आईपीएस अफसरों में से, जिनमें एसपी, एसएसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजी और डीजीपी शामिल हैं, केवल एसपी रैंक के 33 अधिकारियों में से 15 ने ही अपनी संपत्ति का ब्यौरा गृह मंत्रालय को सौंपा है।

गृह मंत्रालय की ओर से मांगी गई संपत्ति की जानकारी के अनुसार, दुर्ग जिले के एसएसपी जितेंद्र शुक्ला सबसे संपन्न अफसर हैं, जिनके पास लगभग दो करोड़ 10 लाख रुपये की संपत्ति है। वहीं, जीपीएम जिले की एसपी भावना गुप्ता सबसे कम संपत्ति वाली अधिकारी हैं, जिनके पास महज 16 लाख रुपये की संपत्ति है।

चौंकाने वाली बात यह है कि धमतरी, बिलासपुर और दंतेवाड़ा के एसपी ने अब तक संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है, और पांच जिलों के एसपी के पास कोई संपत्ति नहीं है। इसके अलावा, दस एसपी के पास अपना खुद का घर भी नहीं है।

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 33 जिलों के पुलिस अधीक्षकों में से 11 ने अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी है। इनमें बिलासपुर, गरियाबंद, बलौदाबाजार, बालौद, और सक्ती जैसे जिलों के पुलिस अधीक्षक शामिल हैं। जिन अधिकारियों ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया, उनमें प्रमुख नाम आंजनेय वार्ष्णेय (धमतरी), रजनेश सिंह (बिलासपुर), विवेक शुक्ला (जांजगीर चांपा), बैंकर वैभव रमनलाल (बलरामपुर), और निखिल कुमार रखेजा (गरियाबंद) शामिल हैं।

इस मामले ने अधिकारियों की संपत्ति के बारे में सवाल उठाए हैं, खासकर तब जब कई ने संपत्ति का ब्यौरा देने से इंकार कर दिया है।

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