भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 18 अप्रैल से दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू हो रही है, जिसका फोकस वन पुनर्स्थापन, जलवायु परिवर्तन और समुदाय-आधारित आजीविका जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगा। यह कार्यशाला नरोन्हा प्रशासन अकादमी में आयोजित की जा रही है, और केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसकी शुरुआत करेंगे।
कार्यशाला के दौरान ‘विकसित भारत @2047’ के लक्ष्यों में वनों की भूमिका पर विचार-विमर्श होगा। प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह इस आयोजन का स्वागत करेंगे, जबकि कार्यशाला की रूपरेखा डॉ. राहुल मूँगीकर पेश करेंगे। साथ ही, जनजातीय समुदाय और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर एक ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति भी आयोजित की जाएगी।
मुख्य चर्चा बिंदु: वन संरक्षण, पारंपरिक ज्ञान और सामुदायिक प्रबंधन
कार्यशाला में वन संरक्षण की वर्तमान कानूनी व्यवस्थाओं, जैव विविधता संशोधन अधिनियम-2023, सामुदायिक वन अधिकार, पारंपरिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण, और वन पुनर्स्थापन जैसे अहम मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। बैंगलुरू से आ रहे प्रोफेसर रमेश इन मुद्दों पर एक विशेषज्ञ वक्तव्य देंगे। इस दौरान डॉ. योगेश गोखले और डॉ. राजेन्द्र दहातोंडे समेत अन्य विशेषज्ञ विभिन्न सत्रों में भाग लेंगे।
समापन सत्र में राज्यपाल मंगुभाई पटेल का संबोधन
कार्यशाला के समापन सत्र में राज्यपाल मंगुभाई पटेल मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष हर्ष चौहान समापन वक्तव्य देंगे। साथ ही, इस अवसर पर वनीकरण, जलवायु संवेदनशीलता और वनवासी समुदायों की समावेशी भागीदारी पर केंद्रित डॉक्युमेंट्री फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी।