लखनऊ। गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा से जुड़े चिकित्सकों ने भारत-नेपाल सीमा के दूरस्थ गांवों में 253 चिकित्सा शिविरों के माध्यम से 2,18,750 रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और उन्हें नि:शुल्क दवाइयां वितरित कर एक नई सेवा का कीर्तिमान स्थापित किया है। इस यात्रा को सफल बनाने में 58 चिकित्सा संस्थानों के 732 चिकित्सकों और 707 मेडिकल छात्रों ने सहयोग किया।
यात्रा के संयोजक और किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैस्ट्रो मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. सुमित रूंगटा ने गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस यात्रा की शुरुआत 2019 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतीय प्रचारक कौशल की प्रेरणा से हुई थी। तब से प्रतिवर्ष भाऊराव देवरस सेवा न्यास और नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन (एनएमओ) के सहयोग से यह यात्रा आयोजित की जा रही है। इस यात्रा के माध्यम से भारत-नेपाल सीमा के दूरस्थ गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों को जागरूक किया जाता है, उनके स्वास्थ्य परीक्षण किए जाते हैं, और नि:शुल्क दवाइयां वितरित की जाती हैं। पहली बार 2019 में सीमा के 93 गांवों में शिविर लगाए गए थे, जिसमें 27,500 मरीजों को लाभ हुआ। अब तक यह यात्रा लगातार बढ़ती जा रही है, और इस वर्ष फरवरी 2025 में हुई पांचवीं स्वास्थ्य सेवा यात्रा में 253 गांवों में शिविर लगाए गए थे।
यात्रा के सह संयोजक डॉ. भूपेंद्र ने बताया कि 2025 में हुई यात्रा के दौरान 253 गांवों में चिकित्सा शिविर लगाए गए, और 2,18,750 मरीजों को इलाज की सुविधा दी गई। उन्होंने बताया कि इस यात्रा में भाग लेने वाले चिकित्सक “स्वास्थ्य सेवा ही राष्ट्र सेवा है” के संदेश को लेकर हर साल भारत-नेपाल सीमा के दूरस्थ गांवों में नि:शुल्क सेवाएं प्रदान करते हैं। इस बार शिविरों का आयोजन महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती और लखीमपुर के सुदूर गांवों में किया गया। साथ ही, जिन लोगों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना था, उनका कार्ड भी बनवाया गया और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। गंभीर बीमारियों का पता चलने पर मरीजों को केजीएमयू या लोहिया अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया।
इस सेवा यात्रा में कई समाजसेवी संगठनों का भी योगदान रहा, जिनमें आरोग्य भारती, सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, विद्या भारती, सीमा जागरण मंच, विश्व हिन्दू परिषद और एकल अभियान शामिल हैं। इस बार यात्रा में 2008 कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया।
भाऊराव देवरस सेवा न्यास और एनएमओ एक स्थायी सेवा प्रकल्प की योजना पर भी काम कर रहे हैं, जिसमें सर्विक्स कैंसर के टीकाकरण और शीघ्र पहचान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यदि यह प्रकल्प शुरू होता है, तो सीमा पर रहने वाले लोगों के लिए यह एक बड़ी सौगात साबित होगा।
21 अप्रैल को गोमतीनगर विस्तार स्थित सीएमएस के सभागार में एक सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें यात्रा से जुड़े चिकित्सकों और कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी उपस्थित रहेंगे।