कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए तीन लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। यह घोषणा उन्होंने कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में इमाम और मोअज्जिनों की बैठक के दौरान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिवारों के साथ खड़ी है और जिनके घरों और दुकानों को नुकसान हुआ है, उनके लिए भी मुआवजा दिया जाएगा।
ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि “बांग्लार बाड़ी” योजना के तहत जिन लोगों के घर हिंसा में नष्ट हुए हैं, उन्हें फिर से घर बनाकर दिए जाएंगे। इसके अलावा, जिन दुकानों को नुकसान हुआ है, उनकी जांच राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत करेंगे और उसके आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने हिंसा को एक पूर्व नियोजित साजिश बताया और आरोप लगाया कि रामनवमी के दिन भाजपा द्वारा दंगा भड़काने की योजना बनाई गई थी, लेकिन यह असफल रही। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पहले से तय थी।
वक्फ कानून में किए गए संशोधन को ‘अत्याचारी’ बताते हुए ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि इस कानून को लागू न किया जाए, क्योंकि यह देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री ने बीएसएफ की भूमिका पर भी सवाल उठाया, यह कहते हुए कि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में सीमा पार से आए लोगों का हाथ हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएफ की गोली से एक व्यक्ति की मौत हुई है और इस पर जांच के आदेश दिए गए हैं।
हिंसा के कारण कई लोग घायल हुए और बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को छोड़कर भाग गए थे। राज्य प्रशासन ने इन लोगों को वापस उनके घरों में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ममता ने बताया कि मुर्शिदाबाद के सूती, जंगीपुर, शमशेरगंज और फरक्का जैसे क्षेत्रों में हाल ही में भारी अशांति फैली थी, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही है।