कोलकाता। हाल ही में हुई हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद जिले से विस्थापित हुए लोग अब धीरे-धीरे अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। प्रशासन के अनुसार, पिछले तीन दिनों में करीब 140 लोग वापस लौट चुके हैं, जबकि शेष लगभग 360 लोगों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और बीएसएफ लगातार प्रयासरत हैं।
धुलियान क्षेत्र में मंगलवार को कई परिवार अपने गांव लौटते देखे गए। पुरुषों के कंधों पर बैग, महिलाओं की पोटलियां और बच्चों के हाथ थामे हुए इन चेहरों पर डर और सुकून दोनों की झलक दिखी। एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से कहा, “देखो, इस बार सब ठीक होगा।”
पिछले 48 घंटों से लगातार चल रही पुलिस और बीएसएफ की गश्त ने लोगों का भरोसा फिर से कायम किया है। हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी जारी है। मंगलवार को पुलिस ने बांग्लादेश सीमा के पास से हिंदू पिता-पुत्र की हत्या के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि दोषियों की गिरफ्तारी के लिए वह किसी भी हद तक जाएगी। सभी प्रभावित परिवारों को अधिकारियों के संपर्क नंबर भी दिए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता मिल सके।
प्रशासन का अनुमान है कि हिंसा के कारण लगभग 500 परिवारों को घर छोड़ना पड़ा, जबकि स्थानीय लोग इस संख्या को 1,000 से अधिक बताते हैं। कुछ लोग झारखंड और मालदा तक चले गए थे। प्रशासन के मुताबिक रविवार को 19, सोमवार को 49 और मंगलवार रात तक 72 लोग वापस लौट चुके हैं। जिलाधिकारी दीन नारायण घोष ने बताया कि लोगों को हरसंभव सहायता दी जा रही है। दो सामुदायिक रसोई शुरू की गई हैं और राहत सामग्री भी वितरित की जा रही है। जंगीपुर के पुलिस अधीक्षक आनंद राय ने कहा कि क्षेत्र में पूरी तरह शांति है और अब घर न लौटने का कोई कारण नहीं है।
सोशल मीडिया पर सख्ती, अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई
पुलिस ने अब तक 1,093 सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया है जो अफवाहें और भड़काऊ सामग्री फैला रहे थे। एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतीम सरकार ने बताया कि फेसबुक, एक्स, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ज़ीरो टॉलरेंस नीति लागू की गई है।
स्थानीय शांति समितियों का गठन
पुलिस ने स्थानीय और राजनीतिक प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए बूथ-स्तरीय शांति समितियां बनाई हैं। इन समितियों की जिम्मेदारी है कि किसी भी तरह की अफवाह या तनाव की जानकारी तुरंत पुलिस को दी जाए।
बीएसएफ का बयान – सबके लिए काम कर रहे हैं
बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी नीलोत्पल पांडे ने कहा कि वे किसी एक समुदाय के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए कार्य कर रहे हैं। उनका उद्देश्य है हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पूर्ण शांति बहाल करना और सभी विस्थापितों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करना।
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