अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने देशव्यापी संघर्ष की घोषणा की

नई दिल्ली। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए वर्षभर चलने वाले राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। यह जानकारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि वर्ष के अंत में नई दिल्ली में संघ का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा। प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल समेत 14 राज्यों के पदाधिकारी शामिल हुए।

सुशील पाण्डेय ने कहा कि यदि केंद्र और राज्य सरकारें शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं करतीं, तो अगले वर्ष एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस वर्ष देशभर के सभी राज्यों और ज़िला मुख्यालयों में धरने आयोजित होंगे और प्रशासन के माध्यम से शिक्षकों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन केंद्र एवं राज्य सरकारों को भेजे जाएंगे।

संगठन में आंतरिक विवादों पर पूछे गए सवाल पर संघ के उपाध्यक्ष रामअवतार पाण्डेय ने स्पष्ट किया कि कुछ लोग भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे ही वास्तविक पदाधिकारी हैं। इसमें पूर्व महासचिव कमलाकान्त त्रिपाठी और वासूराज गुरीकर मुख्य रूप से शामिल हैं। त्रिपाठी ओडिशा के निवासी हैं और सेवानिवृत्त होने के बाद बीजू जनता दल के सक्रिय सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं, जो कि संघ के नियमों का उल्लंघन है।

वहीं, नेता घनश्याम प्रसाद यादव ने आरोप लगाया कि त्रिपाठी संगठन को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं, और उनके साथ वासूराज गुरीकर तथा पूर्व पदाधिकारी रंगराजन भी शामिल हैं। मद्रास हाईकोर्ट में रंगराजन और उनकी समानांतर कार्यकारिणी के खिलाफ याचिका दायर की गई, जिसके बाद हाईकोर्ट ने तीन पूर्व न्यायाधीशों की समिति गठित की। समिति की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने उस कार्यकारिणी को अवैध घोषित कर दिया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील पाण्डेय ने बताया कि पूर्व अध्यक्ष रामपाल सिंह के निधन (22 सितंबर 2023) के बाद, संघ की पंजीकृत नियमावली के अनुसार उपाध्यक्ष (प्रथम) होने के नाते उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व स्वतः प्राप्त हो गया। इस दौरान त्रिपाठी ने नियमावली के विरुद्ध जाकर संगठन में असंतोष फैलाने की कोशिश की। इसके मद्देनज़र संघ महासभा ने अक्टूबर में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का प्रस्ताव पारित किया और निर्वाचन प्रक्रिया के तहत सुशील कुमार पाण्डेय को अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद महासभा की सहमति से 11 पदाधिकारियों और 17 सदस्यों वाली कार्यकारिणी का गठन भी किया गया।

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