नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 5 अप्रैल 2025 को राज्यसभा को आधिकारिक रूप से स्थगित कर दिया है। इससे पहले, 4 अप्रैल को उच्च सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया था।
यह प्रक्रिया संविधान सम्मत संसदीय परंपरा का हिस्सा है, जिसके तहत राज्यसभा के सभापति द्वारा राष्ट्रपति को सदन के अनिश्चितकालीन स्थगन की अनुशंसा भेजी जाती है। राष्ट्रपति की स्वीकृति के साथ अब यह स्थगन औपचारिक रूप से प्रभावी हो गया है।
इस सत्र के दौरान संसद में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हुई, जिनमें बजट संबंधी प्रस्तावों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों से जुड़े विषय भी शामिल रहे।
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, सत्र के दौरान कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित हुई और विभिन्न मुद्दों पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
राज्यसभा का यह स्थगन संसद की नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है, जो विधायी कार्यों की एक निर्धारित प्रणाली के तहत किया जाता है और इससे संसदीय परंपराओं की निरंतरता बनी रहती है।