रायपुर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार रात रायपुर में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति को लेकर एक उच्चस्तरीय विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, खुफिया ब्यूरो (IB) निदेशक, केंद्रीय गृह मंत्रालय के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा), सीआरपीएफ, एनआईए, बीएसएफ और आईटीबीपी के प्रमुख, राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य की ‘डबल इंजन’ सरकारें नक्सलवाद के पूरी तरह उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, “नक्सलवाद ने कई पीढ़ियों को पीछे धकेला है। इसका पूरी तरह से खात्मा जरूरी है ताकि यह दोबारा सिर न उठा सके।”
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि नक्सल विरोधी अभियान को किसी भी हालत में बिखरने नहीं देना चाहिए। उन्होंने राज्यों और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि नक्सलियों के एक राज्य से दूसरे राज्य में भागने की स्थिति में उन्हें पकड़ने के लिए आपसी समन्वय बेहद जरूरी है।
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में सुरक्षा और विकास के क्षेत्रों में हो रही प्रगति को संतोषजनक बताया। उन्होंने राज्य प्रशासन से आग्रह किया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचालित ‘नियद नेल्लानार’ योजना को सुरक्षा बलों के शिविरों से मौजूदा 5 किलोमीटर के दायरे से बढ़ाकर 10 किलोमीटर तक लागू किया जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि इन क्षेत्रों के नागरिकों को भी समान विकास के अवसर मिलें।
गृह मंत्री ने नक्सल विरोधी अभियानों की गति बनाए रखने और किसी भी स्तर पर इसे धीमा न पड़ने देने पर भी विशेष जोर दिया।