मुंबई। हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता मनोज कुमार का शनिवार दोपहर 12 बजे मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। पूरे सम्मान और गमगीन माहौल में उन्हें पंचतत्व में विलीन किया गया।
देशभक्ति से ओत-प्रोत फिल्मों के जरिए ‘भारत कुमार’ का दर्जा पाने वाले मनोज कुमार को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। यह सम्मान न केवल उनके सिनेमाई योगदान का प्रतीक था, बल्कि उनके द्वारा समाज और राष्ट्र के प्रति व्यक्त किए गए भावों की भी गवाही देता है। अब भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका सिनेमा, विचार और व्यक्तित्व भारतीय दर्शकों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा।
उनकी पत्नी शशि गोस्वामी अपने जीवनसाथी को अंतिम बार विदाई देने पहुंचीं और बेहद भावुक नजर आईं। हर आंख नम थी और वातावरण शोकाकुल। शुक्रवार तड़के 3:30 बजे कोकिलाबेन अस्पताल में 87 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। पिछले कुछ हफ्तों से वे बीमार चल रहे थे, जिसकी जानकारी उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने दी।
बॉलीवुड ने दी अंतिम श्रद्धांजलि
मनोज कुमार को अंतिम विदाई देने बॉलीवुड की कई नामचीन हस्तियां पहुंचीं। अमिताभ बच्चन अपने बेटे अभिषेक बच्चन के साथ श्मशान घाट पहुंचे और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर अनु मलिक, प्रेम चोपड़ा, राज मुराद, बिंदु दारा सिंह, सलीम खान अपने बेटे अरबाज खान के साथ, और जायद खान सहित कई सितारे मौजूद रहे।
अभिनेता राजपाल यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “वह भारत रत्न हैं, हमारी कला के रत्न हैं। मैं उन्हें सलाम करता हूं।”
सहकर्मियों ने साझा कीं यादें
प्रेम चोपड़ा ने याद करते हुए कहा, “हमने साथ में ‘शहीद’ जैसी कई यादगार फिल्मों में काम किया। मनोज जी अपने काम को लेकर बेहद ईमानदार और समर्पित थे।”
संगीतकार अनु मलिक ने कहा, “उनकी फिल्मों में हमेशा समाज और राष्ट्र का हित नजर आता था। ऐसे कलाकार युगों में एक बार आते हैं।”
बिंदु दारा सिंह ने भावुक होकर कहा, “वो चले गए हैं, लेकिन हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।” वहीं, अभिनेता जायद खान ने उन्हें “देश के पहले सच्चे सुपरस्टार” की संज्ञा देते हुए कहा कि “उनकी विरासत हमें सिखाती है कि इंसानियत और आत्मबल क्या होता है।”
सिनेमाई विरासत
‘क्रांति’, ‘उपकार’, ‘शहीद’, ‘पूरब और पश्चिम’, और ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी फिल्मों के जरिए मनोज कुमार ने भारतीय सिनेमा को नई दिशा दी। कम लोग जानते हैं कि उनका असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था और वे 1937 में जन्मे थे।
उनके योगदान को देशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।