नई दिल्ली। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर की गई टिप्पणी को लेकर राज्यसभा में बुधवार को विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और सदन से वॉकआउट कर दिया।
जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुराग ठाकुर के बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे झूठा और आधारहीन बताया। उन्होंने कहा कि अपने 60 वर्षों के राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी इस तरह के आरोपों का सामना नहीं किया। उन्होंने मांग की कि यदि अनुराग ठाकुर अपने आरोप सिद्ध नहीं कर पाते, तो उन्हें संसद से इस्तीफा देना चाहिए। इसके जवाब में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई, जिससे सदन में हंगामे की स्थिति बन गई।
भाजपा के सदस्यों के विरोध के बीच खरगे ने सभापति से अनुराग ठाकुर के आरोपों को लेकर कार्रवाई की मांग की। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन हंगामे के कारण अपनी बात पूरी नहीं कर सके।
इस बीच, सभापति ने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू कर दी, जिसके विरोध में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए। सभापति ने कहा कि सदन में सदस्यों द्वारा दिए गए बयानों को लेकर गंभीर कार्रवाई नहीं की जा सकती, क्योंकि उन्हें विशेष संसदीय अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए किसी बयान को कार्यवाही से हटाया जाता है, तो इसे विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए।