चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को विधानसभा में घोषणा की कि वह निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में तमिलनाडु से संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले दलों के सांसदों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों में लोक कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई बाधा न आए। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में पहली बार तमिलनाडु विधानसभा में निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तर भारत की तर्ज पर तमिलनाडु में भी परिसीमन लागू किया जाना चाहिए और इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक किया जाएगा, क्योंकि इसका राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने यह भी जोर दिया कि जनसंख्या नियंत्रण को प्रभावी ढंग से लागू करने वाले राज्यों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने तमिलनाडु की जनता की ओर से उन सभी राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस पहल का समर्थन किया और संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक में भाग लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि संसद में यह आश्वासन दिया जाए कि वर्तमान निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन को 2026 से आगे बढ़ाकर अगले 30 वर्षों तक स्थगित किया जाए। इसके लिए संविधान में आवश्यक संशोधन किए जाने की मांग भी की गई।
उन्होंने कहा कि संसदीय क्षेत्रों का परिसीमन पूरी पारदर्शिता और राज्यों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद किया जाना चाहिए। 1971 की जनगणना के आधार पर परिसीमन को अगले 25 वर्षों के लिए बढ़ाने की बात दोहराते हुए उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने वाले राज्यों को किसी भी तरह की सजा नहीं मिलनी चाहिए, बल्कि इस विषय में आवश्यक कानूनी संशोधन किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने “तमिलनाडु लड़ेगा, तमिलनाडु जीतेगा” नारे के तहत अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु से संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों के साथ प्रधानमंत्री से मिलकर निष्पक्ष निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन की मांग रखी जाएगी।
गौरतलब है कि बीते शनिवार को निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन के खिलाफ पहली संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई थी। इसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार समेत अन्य प्रमुख नेताओं ने भाग लिया, जबकि ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें हिस्सा लिया।