राष्ट्रीय आवास बैंक ने देश में आवास क्षेत्र के रुझान और प्रगति पर रिपोर्ट जारी की

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के अधीनस्थ राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) ने राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम 1987 की धारा 42 के तहत “आवास की प्रवृत्ति और प्रगति 2024” रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट में क्या है खास?

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस रिपोर्ट में आवास क्षेत्र की स्थिति, घरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव, भारत सरकार की प्रमुख आवासीय योजनाओं, प्राथमिक ऋण संस्थानों (पीएलआई) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) की भूमिका और क्षेत्र के भविष्य के दृष्टिकोण को शामिल किया गया है।

आवास ऋण में वृद्धि

रिपोर्ट के मुताबिक, 30 सितंबर 2024 तक देश में बकाया व्यक्तिगत आवास ऋण ₹33.53 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14% की वृद्धि दर्शाता है।

  • ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी – 39%
  • एमआईजी श्रेणी – 44%
  • एचआईजी श्रेणी – 17%

30 सितंबर 2024 को समाप्त छमाही में व्यक्तिगत आवास ऋण संवितरण ₹4.10 लाख करोड़ था, जबकि पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान यह आंकड़ा ₹9.07 लाख करोड़ तक पहुंच गया।

आवास मूल्य सूचकांक में उछाल

सितंबर 2024 की तिमाही में आवास मूल्य सूचकांक में 6.8% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष के 4.9% की तुलना में अधिक है।

सरकारी योजनाओं और चुनौतियों का विश्लेषण

रिपोर्ट में सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-जी और पीएमएवाई-यू), शहरी अवसंरचना विकास निधि (यूआईडीएफ) और किफायती किराया आवास परिसर (एआरएचसी) योजना जैसी पहलों का प्रभाव मूल्यांकन किया गया है। साथ ही, इसमें ऋण प्रवाह में क्षेत्रीय असमानताएं और जलवायु संबंधी जोखिमों को प्रमुख चुनौतियों के रूप में चिन्हित किया गया है।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि निर्माण तकनीकों में नवाचार, भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण और ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट जैसे पहलुओं से आवास क्षेत्र में विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। पीएमएवाई 2.0 और हाल की बजट घोषणाओं के कारण आवास क्षेत्र का भविष्य आशाजनक बना हुआ है।

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