नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भू-रणनीतिक परिदृश्य में उभरती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए वायु सेना की क्षमताओं को तेज़ी से बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने युद्ध प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए तीनों सेनाओं के बीच एकीकृत प्रशिक्षण और समन्वय को महत्वपूर्ण बताया।
बुधवार को रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन में 80वें स्टाफ कोर्स के प्रतिभागी भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बदलाव को अपनाने, उभरते खतरों का गंभीर आकलन करने और भविष्य की रणनीतियों को अनुकूल बनाने पर जोर दिया। इस दौरे ने एकीकृत संचालन और भविष्य के नेतृत्व के प्रति भारतीय वायु सेना की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने संयुक्त कौशल और आधुनिक युद्ध में एकीकृत संचालन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए वायु सेना की क्षमता विकास पहलों को रणनीतिक दृष्टि से समझाया। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा में वायु सेना कर्मियों की प्रतिबद्धता, लचीलेपन और उपलब्धियों की सराहना की। इस दौरे के दौरान उन्हें डीएसएससी की प्रशिक्षण गतिविधियों और सशस्त्र बलों के बीच समन्वय बढ़ाने के प्रयासों की जानकारी भी दी गई। उन्होंने संस्थान की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि कठोर शैक्षणिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण भविष्य के सैन्य नेतृत्व को तैयार करने में अहम भूमिका निभाता है।