नई दिल्ली। भारत के स्टार्टअप सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ भविष्य की बात नहीं रह गई, बल्कि यह तेजी से मौजूदा बिजनेस का अहम हिस्सा बनती जा रही है। मेटा की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश के 70 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप अपने मुख्य कारोबारी कार्यों में AI को सफलतापूर्वक इंटीग्रेट कर चुके हैं।
मेटा और ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस फर्म अल्वारेज एंड मार्सल इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से अपने अगले विकास चरण की ओर अग्रसर है। डिजिटल इनोवेशन, ओमनीचैनल रणनीतियां, क्रिएटर इकोनॉमी और टियर 2 व 3 शहरों तक पहुंच जैसे कारक इस ग्रोथ को नया आयाम दे रहे हैं।
पिछले एक दशक में भारत में स्टार्टअप्स ने जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की है—चाहे वह अर्ली-स्टेज फंडिंग हो, इंटरनेट की पैठ हो या महानगरों के साथ-साथ छोटे शहरों में उपभोक्ता शक्ति का उभार।
मेटा की भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया की वाइस प्रेसिडेंट संध्या देवनाथन का मानना है, “आज के दौर में वही स्टार्टअप सफल होंगे जो स्मार्ट तरीके से सोचें और टेक्नोलॉजी को अपनाएं। मेटा को इस बदलाव का साझेदार बनकर गर्व है, और हम AI से लैस टूल्स के जरिए स्टार्टअप्स के नए विचारों को उड़ान दे रहे हैं।”
AI बना मार्केटिंग का सुपरपावर टूल
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि AI ने खासकर मार्केटिंग में जबरदस्त असर डाला है। 87% स्टार्टअप्स ने माना कि AI की मदद से उनके कॉस्ट पर एक्विजिशन (CPA) में 30% तक की कमी आई है, जिससे उनके बिजनेस पर सकारात्मक असर पड़ा है।
सेक्टर की बात करें तो…
हेल्थकेयर, एडटेक और ब्यूटी जैसे सेक्टर AI का सबसे अधिक फायदा उठा रहे हैं—चाहे वह कस्टमर सर्विस हो, डेटा-ड्रिवन फोरकास्टिंग या यूजर एक्सपीरियंस को पर्सनलाइज़ करना हो।
टियर 2 और 3 शहर बन रहे नए ग्रोथ सेंटर
रिपोर्ट बताती है कि देश के टियर 2 और टियर 3 शहर अब स्टार्टअप्स के लिए अगला बैटलग्राउंड बनते जा रहे हैं। उपभोक्ता मांग, डिजिटल एक्सेस और डिस्ट्रीब्यूशन में आसानी जैसे कारकों के चलते लगभग सभी स्टार्टअप्स इन क्षेत्रों में अपने पैर पसारने को तैयार हैं।
अल्वारेज एंड मार्सल इंडिया के एमडी हिमांशु बजाज ने कहा, “भारतीय स्टार्टअप्स अब सिर्फ स्केल की बात नहीं कर रहे, बल्कि वे ऐसे स्थायी बिजनेस मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं जो सिर्फ ग्रोथ नहीं, बल्कि लॉन्ग-टर्म वैल्यू क्रिएशन पर फोकस करते हैं।”
कुल मिलाकर, यह रिपोर्ट भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की बदलती सोच और टेक्नोलॉजी को अपनाने की रफ्तार को दर्शाती है—जहां AI सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि ग्रोथ का गेमचेंजर बनता जा रहा है।