नई दिल्ली। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दिल्ली की एक अदालत ने उसकी न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाते हुए अब 13 अगस्त तक जेल में रखने का आदेश दिया है। यह फैसला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा राणा के खिलाफ नया पूरक आरोपपत्र दाखिल करने के बाद आया है।
इस ताज़ा आरोपपत्र में राणा की गिरफ्तारी और जब्ती के दस्तावेज़ों के साथ-साथ कई अहम सबूत शामिल हैं, जो उसे हमले की साजिश में गहराई से जोड़ते हैं। बता दें कि राणा के खिलाफ पहला आरोपपत्र साल 2012 में ही दाखिल किया गया था, लेकिन हाल ही में सामने आए नए तथ्यों ने मामले में नई परतें खोल दी हैं।
इस हफ्ते की शुरुआत में राणा ने मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने न सिर्फ खुद को पाकिस्तानी सेना का एजेंट बताया, बल्कि यह भी दावा किया कि हमलों के दौरान वह मुंबई में मौजूद था।
4 जुलाई को राणा की हिरासत 9 जुलाई तक बढ़ाई गई थी, लेकिन अब NIA द्वारा नया आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद अदालत ने उसे 13 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सुनवाई के दौरान राणा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह के समक्ष पेश किया गया। इस दौरान उसके वकील ने राणा की बिगड़ती तबीयत का हवाला दिया, जिस पर कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से 9 जून तक स्वास्थ्य रिपोर्ट जमा करने को कहा है।
गौरतलब है कि तहव्वुर राणा को हाल ही में अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया था। जांच एजेंसियों का मानना है कि उसने हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली को जरूरी जानकारियां, नक्शे और ठिकानों की जानकारी मुहैया कराई थी। यही सूचनाएं हमले के लक्ष्यों की पहचान में इस्तेमाल की गईं।
बता दें, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को राणा की प्रत्यर्पण याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद 10 अप्रैल को उसे भारत लाया गया। अब वह 26/11 के उस काले अध्याय को लेकर कानून के शिकंजे में है, जिसमें 166 मासूमों की जान गई थी और देश हिल कर रह गया था।
राणा की गिरफ्तारी और अब बढ़ी हुई हिरासत देश के उस जख्म को फिर से कुरेद रही है, जिसे 26 नवंबर 2008 की रात आतंक ने दिया था।