MAYAWATI, BSP

22 लाख छात्रों ने छोड़ा स्कूल! मायावती ने जताई गहरी चिंता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। वर्ष 2024-25 में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों के दाखिले में 22 लाख की भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस चिंताजनक आंकड़े को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सरकार को घेरा है।

मायावती ने अपनी पहली पोस्ट में लिखा, “2023-24 में जहां 1.74 करोड़ बच्चों ने दाखिला लिया था, वहीं 2024-25 में यह संख्या घटकर 1.52 करोड़ रह गई है। यह गिरावट बेहद गंभीर है और सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।”

बसपा प्रमुख ने सरकारी स्कूलों की बदहाल व्यवस्था और सस्ते निजी शिक्षण संस्थानों के लगातार बंद होने पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया खासकर मदरसों के प्रति पक्षपातपूर्ण और असंवेदनशील है। “मदरसों को अवैध बताकर बंद करने की कोशिशें शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने वाली हैं। सरकार को चाहिए कि वह सहयोगात्मक रवैया अपनाए और सस्ती, सुलभ शिक्षा को प्रोत्साहित करे,” मायावती ने कहा।

उन्होंने यूपी और बिहार के सरकारी स्कूलों की हालत को “अत्यंत दयनीय” बताते हुए कहा कि यह गरीब और वंचित समाज के बच्चों के भविष्य के लिए खतरा है। मायावती ने स्पष्ट कहा, “स्कूलों को बंद करने की बजाय उनमें सुधार और प्रोत्साहन की जरूरत है।”

शिक्षा के गिरते स्तर और दाखिलों में आई गिरावट ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेती है।

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