नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ चुकी है और अब उसका अगला पड़ाव दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भरोसे के साथ कहा है कि भारत 2030 तक जर्मनी को पछाड़ देगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीसरे पायदान पर आ जाएगा।
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के 77वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए पुरी ने कहा कि भारत ने हाल ही में जापान को पीछे छोड़कर चौथे स्थान पर जगह बनाई है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत ग्यारहवें स्थान से छलांग लगाकर चौथे स्थान तक पहुंचा है — यह प्रगति किसी चमत्कार से कम नहीं।
पुरी ने कहा कि भारत की जीडीपी 2014 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर से दोगुनी होकर 2025 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि देश की नीतियों, सामाजिक योजनाओं और मजबूत वित्तीय प्रबंधन की कहानी भी है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बहुआयामी गरीबी के खिलाफ लड़ाई में 27 करोड़ से ज्यादा लोगों को इससे बाहर निकाला गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 4 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई, वहीं जल जीवन मिशन के जरिए 15.4 करोड़ ग्रामीण परिवारों को साफ पानी मुहैया कराया गया।
स्वास्थ्य सेवा के मोर्चे पर भी भारत ने बड़ी छलांग लगाई है। पुरी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक 70 करोड़ से अधिक लोग 5 लाख रुपये के बीमा लाभ के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा पा रहे हैं — यह समावेशी विकास की असली तस्वीर है।
भारत अब दुनिया के निवेश मानचित्र पर भी मजबूती से उभरा है। 2014 से 2025 के बीच देश में 748 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है — जो पिछले दशक की तुलना में 143% ज्यादा है।
पुरी ने बताया कि IBC (इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड), उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं (PLI), जीएसटी, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और 25,000 से अधिक पुराने नियमों को खत्म कर भारत ने अपने व्यापारिक माहौल को अत्याधुनिक और अनुकूल बना दिया है।
उन्होंने कर व्यवस्था में हुए सुधारों की भी तारीफ की। 2013-14 में जहां सिर्फ 3.6 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल होते थे, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 8.5 करोड़ हो चुका है — जिनमें से 95% रिटर्न 30 दिनों के भीतर प्रोसेस किए जा रहे हैं।
अंत में पुरी ने कहा,
“हर एक टैक्स रिटर्न, हर एक रुपया—माताओं के लिए रसोई गैस, गरीबों के लिए दवा, गांवों में बिजली, बुजुर्गों के लिए पेंशन और युवाओं के लिए रोजगार में बदल रहा है। यही नया भारत है।”
