नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय सचिव श्रवण बी राज और शिवांगी खारवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय की 400 एकड़ भूमि के अतिक्रमण और नीलामी के मुद्दे पर ज्ञापन सौंपते हुए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर विश्वविद्यालय को उसकी भूमि लौटाने की मांग की।
अभाविप ने इस मामले पर एक प्रेस वार्ता आयोजित कर तेलंगाना सरकार की नीतियों की आलोचना की और छात्रों की आवाज दबाने के प्रयासों की निंदा की। परिषद ने कहा कि शिक्षा और अनुसंधान के लिए समर्पित इस भूमि को निजी कंपनियों को सौंपना अनुचित और निंदनीय है। साथ ही, यह क्षेत्र पारिस्थितिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, जहां दुर्लभ जैव विविधता पाई जाती है। यदि इस भूमि का अतिक्रमण हुआ, तो इससे न केवल शैक्षणिक हानि होगी बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी गंभीर रूप से प्रभावित होगा।
अभाविप ने यह भी आरोप लगाया कि जब छात्रों ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई, तो तेलंगाना पुलिस ने विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के बिना परिसर में घुसकर कई छात्रों को जबरन गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई न केवल छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है, बल्कि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर भी सीधा प्रहार है।
परिषद ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह इस भूमि को तुरंत विश्वविद्यालय को लौटाए और पूरे 2320 एकड़ भूमि का आधिकारिक हस्तांतरण सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में किसी भी अतिक्रमण की संभावना समाप्त हो सके।
इस मुद्दे पर अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खारवाल ने कहा कि यह भूमि देश की शैक्षणिक और पर्यावरणीय धरोहर का हिस्सा है, जिसे निजी कंपनियों को सौंपना छात्रों के अधिकारों पर हमला है। अभाविप इस अन्याय के खिलाफ कोई समझौता नहीं करेगी और यदि जरूरत पड़ी, तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन भी छेड़ा जाएगा।
राष्ट्रीय मंत्री श्रवण बी. राज ने कहा कि विश्वविद्यालयों की भूमि का उपयोग केवल शिक्षा और शोध के लिए होना चाहिए, न कि व्यावसायिक लाभ के लिए। उन्होंने कहा कि एबीवीपी छात्रों को संगठित कर इस मुद्दे पर संघर्ष को तेज करेगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है और केंद्र सरकार जल्द ही आवश्यक कदम उठाएगी। अभाविप ने देशभर के छात्रों से इस भूमि रक्षा आंदोलन में समर्थन देने की अपील की है।