नई दिल्ली। देश में घरों की कीमतों में फिर से तेजी देखी गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में अखिल भारतीय आवास मूल्य सूचकांक (Housing Price Index – HPI) में 3.1% की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह बढ़त पिछली तिमाही की रफ्तार के समान रही है, जो हाउसिंग सेक्टर में स्थिर सकारात्मक रुझान की ओर इशारा करती है।
RBI ने 10 प्रमुख शहरों के रजिस्ट्री डेटा के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस दौरान कोलकाता ने सभी शहरों को पीछे छोड़ते हुए 8.8% की जबरदस्त बढ़त दर्ज की, जबकि कोच्चि अकेला ऐसा शहर रहा, जहां घरों की कीमतों में 2.3% की गिरावट आई।
अन्य प्रमुख शहरों—बेंगलुरु, जयपुर, चेन्नई और कोलकाता—में तिमाही आधार पर घरों की कीमतें चढ़ती नजर आईं। वहीं, पूरे देश में HPI में क्रमिक रूप से 0.9% की बढ़ोतरी हुई।
आरबीआई ने कहा, “घर केवल एक निवेश नहीं, बल्कि एक टिकाऊ उपभोग वस्तु भी है, जो परिवारों के लिए आश्रय और कई सेवाएं प्रदान करता है। कीमतों में बदलाव न केवल घरेलू संपत्ति की वैल्यू को प्रभावित करता है, बल्कि खर्च और कर्ज लेने जैसे फैसलों को भी प्रभावित करता है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि जब घर की कीमत निर्माण लागत से ऊपर जाती है, तो नया निर्माण लाभदायक होता है और रियल एस्टेट में निवेश आकर्षक बनता है। इसके अलावा, बढ़ती कीमतें बैंकों के लिए हाउसिंग लोन पर कोलेटरल वैल्यू को भी बढ़ा देती हैं।
इस सूचकांक में जिन शहरों को शामिल किया गया है उनमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई प्रमुख हैं।
भारत के हाउसिंग मार्केट में यह ट्रेंड बताता है कि शहरी क्षेत्रों में रियल एस्टेट की मांग बनी हुई है, और आने वाले समय में इसमें और तेजी आ सकती है।