नई दिल्ली। भारत की उड़ानें अब आसमान छू रही हैं—न केवल प्रतीकात्मक रूप से, बल्कि हकीकत में भी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शुक्रवार को बताया कि बीते 10 वर्षों में देश में 88 नए हवाई अड्डे बनाए गए हैं और हर घंटे औसतन 60 नई उड़ानें जोड़ी गई हैं। यह भारत में हवाई यात्रा को आमजन के लिए सुलभ और सस्ता बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है।
नायडू ने जोर देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय आकाश अब और भी ज्यादा जुड़ा हुआ, प्रतिस्पर्धात्मक और सहयोगात्मक हो गया है।”
यह बातें उन्होंने उत्तर क्षेत्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन 2025 के दौरान कहीं, जहां उन्होंने देशभर के राज्यों के लिए उड्डयन क्षेत्र में छिपी संभावनाओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय अब टियर-2 और टियर-3 शहरों में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दे रहा है ताकि छोटे शहर भी उड़ान क्रांति का हिस्सा बन सकें।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शिरकत की। उन्होंने कहा कि हवाई सेवाएं राज्य के पर्यटन, रोजगार और सामाजिक-आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं। धामी ने पहाड़ी क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही।
सम्मेलन में राज्यों के प्रतिनिधियों ने मंत्रालय के साथ सीधी बातचीत की, अपनी जरूरतें और सुझाव साझा किए, और एयरलाइंस, एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (FTOs), MROs और सार्वजनिक उपक्रमों के साथ भी विचार-विमर्श किया।
अंत में आयोजित प्लेनरी सेशन में पूरे दिन की चर्चाओं का सार प्रस्तुत किया गया। नायडू ने उत्तर भारत के लिए खासतौर पर हेलीपोर्ट नेटवर्क का विकास, उड़ान मार्गों का विस्तार, ट्रेनिंग और MRO हब्स को मजबूत करना तथा केंद्र-राज्य और निजी उद्योग के बीच समन्वय को प्राथमिकताओं में गिनाया।
भारत की उड्डयन कहानी अब सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं है—यह हर कस्बे, हर राज्य तक पहुंच बनाने की दिशा में लगातार ऊंची उड़ान भर रही है।