देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में इस वर्ष की चारधाम यात्रा को “हरित चारधाम यात्रा” थीम के तहत आयोजित किया जा रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाना और श्रद्धालुओं को शुद्ध, संतुलित एवं स्वास्थ्यवर्धक भोजन उपलब्ध कराना है।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस अभियान की तैयारी प्रारंभ कर दी है। यात्रा मार्ग पर स्थित होटलों और खाद्य कारोबारियों को प्लास्टिक के प्रयोग से बचने, तेल, नमक और चीनी की मात्रा में कमी लाने तथा संतुलित आहार उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, “हम इस बार चारधाम यात्रा को स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने का संकल्प ले रहे हैं। हमारा प्रयास है कि तीर्थयात्रियों को न केवल पवित्र स्थानों पर शुद्ध वातावरण और भोजन मिले, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित किया जाए।” उन्होंने रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल की नीति पर जोर देते हुए सभी संबंधित पक्षों से सहयोग की अपील की।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि होटल व्यवसायियों को यह समझाया जा रहा है कि वे तेल, नमक और चीनी का उपयोग सीमित करें, जिससे मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से पीड़ित यात्रियों को राहत मिल सके। इसके साथ ही, प्रयुक्त खाद्य तेल को तीन बार से अधिक इस्तेमाल न करने तथा उसे बायोफ्यूल के लिए उपलब्ध कराने को कहा जा रहा है।
साथ ही, होटल कारोबारियों को सिंगल यूज प्लास्टिक जैसे पानी की बोतल और रैपर आदि के प्रयोग से बचने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
उपायुक्त गणेश कंडवाल ने बताया कि अब तक ऋषिकेश, श्रीनगर और रुद्रप्रयाग में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं, और जल्द ही उत्तरकाशी, चंबा तथा हरिद्वार जैसे स्थलों पर भी यह कार्यक्रम होंगे। इसके अतिरिक्त, स्थानीय मिलेट्स और खाद्य उत्पादों को प्रोत्साहन देने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं।