काठमांडू। इजरायल और हमास के बीच बंधकों की अंतिम रिहाई में भी नेपाली नागरिक विपिन जोशी का नाम शामिल नहीं हुआ, जिससे उनके परिजनों की उम्मीदें टूटने लगी हैं। विपिन की मां पद्मा देवी ने नेपाल के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को पत्र लिखकर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि अब तक सरकार के आश्वासन पर भरोसा था, लेकिन अब धैर्य जवाब देने लगा है।
7 अक्टूबर को हमास ने बनाया था बंधक
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के इजराइल पर हमले के दौरान विपिन जोशी अन्य इजरायली नागरिकों के साथ बंधक बना लिए गए थे। इस हमले में करीब एक दर्जन नेपाली छात्रों की हत्या भी कर दी गई थी। विपिन जोशी की रिहाई के लिए नेपाल सरकार ने कूटनीतिक प्रयास किए, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली।
रिहाई सूची में नहीं आया विपिन का नाम
हमास ने युद्धविराम के पहले चरण में चार इजरायली नागरिकों के शव सौंपे और इजराइल ने 600 फिलिस्तीनियों को रिहा किया, लेकिन विपिन जोशी को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई।
विपिन की बहन पुष्पा जोशी ने कहा कि आज बंधकों की अंतिम सूची जारी होने के बावजूद उनके भाई का नाम नहीं आया, जिससे परिवार की चिंता और बढ़ गई है। विपिन की मां ने नेपाल सरकार से उनके बेटे के बारे में स्पष्ट जानकारी देने की मांग की और कहा कि अब बेटे के जीवित होने की उम्मीद भी कम होती जा रही है।