बर्न। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में अपनी दो दिवसीय यात्रा को गर्मजोशी, नई साझेदारियों और प्रेरणादायक संवाद के साथ सफलतापूर्वक समेटा। इस दौरे में उन्होंने स्विट्जरलैंड के शीर्ष उद्योगपतियों और व्यापारिक नेताओं को भारत की बीते 11 वर्षों की विकास यात्रा से रूबरू कराया, जिसका नतीजा रहा—भारत में निवेश को लेकर उत्साह से लबरेज वादों की झड़ी।
पीयूष गोयल ने ‘स्विसमेम इंडस्ट्री डे’ पर 1,000 से ज्यादा स्विस उद्यमियों को संबोधित किया। उन्होंने भारत में तकनीक, नवाचार और व्यापार के क्षेत्र में पिछले दशक में आए क्रांतिकारी बदलावों को साझा किया। उनके साथ इस मंच पर स्विट्जरलैंड के फेडरल काउंसलर गाइ पर्मेलिन भी मौजूद रहे। गोयल ने कहा कि भारत अब दुनिया के सबसे तेज़ी से उभरते व्यापारिक गंतव्यों में से एक बन गया है और स्विस कंपनियों के लिए अपार संभावनाएं रखता है।
उन्होंने स्विस कंपनियों को भारत के प्रतिभाशाली कार्यबल, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, और अनुकूल बिजनेस इकोसिस्टम का फायदा उठाने का न्योता दिया। गोयल ने कहा, “भारत-स्विस रिश्तों का एक नया और मजबूत अध्याय शुरू हो चुका है।”
इस कॉन्फ्रेंस की मेन पार्टनर हेलेन बुडलिगर अर्टिडा ने गोयल की पोस्ट को अपने एक्स हैंडल पर भी शेयर किया, जिससे स्विसमेम की साझेदारी को और मजबूती मिली। बता दें कि स्विसमेम स्विट्जरलैंड के मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और टेक्नोलॉजी-आधारित उद्योगों का सबसे बड़ा संगठन है।
बर्न में गोयल की चर्चाओं का दायरा भी खासा व्यापक रहा:
- उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी Mediterranean Shipping Company (MSC) के सीईओ सोरेन टॉफ्ट से मुलाकात की, जिन्होंने भारत के बंदरगाह और लॉजिस्टिक क्षेत्र में निवेश में गहरी रुचि दिखाई।
- टिकाऊ पैकेजिंग समाधान देने वाली अग्रणी कंपनी SIG Group के सीईओ सैमुअल सिग्रिस्ट से भी निवेश और इनोवेशन को लेकर सार्थक बातचीत हुई।
- ग्लोबल फार्मा दिग्गज Novartis के नेतृत्व से भारत में R&D और अफॉर्डेबल हेल्थकेयर पर बातचीत की गई।
- प्रसिद्ध स्विस घड़ी निर्माता कंपनी Swatch Group AG के CFO थिएरी केनेल के साथ भारत में प्रीमियम मैन्युफैक्चरिंग के विस्तार को लेकर चर्चा हुई।
अब पीयूष गोयल स्वीडन के लिए रवाना हो गए हैं, जहां उनका लक्ष्य भारत-स्वीडन के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। यह दौरा भारत और यूरोप की दो इनोवेशन-पावर्ड अर्थव्यवस्थाओं के बीच मजबूत साझेदारी की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।