नई दिल्ली। भारत के पवित्र स्वर्ण मंदिर को पाकिस्तान ने बनाया था अपने नापाक इरादों का निशाना! लेकिन भारतीय सेना की चाक-चौबंद वायु रक्षा ने समय रहते दुश्मन के हर हमले को हवा में ही ध्वस्त कर दिया और अमृतसर समेत पंजाब के कई शहरों को एक बड़ी तबाही से बचा लिया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय खुफिया एजेंसियों को यह संकेत मिले थे कि पाकिस्तान भारत के सैन्य ठिकानों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों और नागरिक इलाकों को भी निशाना बना सकता है — जिनमें सबसे प्रमुख था अमृतसर का स्वर्ण मंदिर। लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता और अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम ने दुश्मन के सारे मंसूबों को चकनाचूर कर दिया।
सोमवार को अमृतसर में सेना ने एक डेमो के ज़रिए दिखाया कि कैसे आकाश मिसाइल सिस्टम, एल-70 एयर डिफेंस गन और अन्य एडवांस हथियारों की मदद से हमारे एयर डिफेंस गनर्स ने पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया। परिणामस्वरूप, स्वर्ण मंदिर पर एक खरोंच तक नहीं आने दी गई।
15 इन्फेंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने बताया, “हमने स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा के लिए विशेष वायु रक्षा कवच तैयार किया था। 8 मई को तड़के अंधेरे में पाकिस्तान ने ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ एक बड़ा हवाई हमला किया, लेकिन हम पहले से सतर्क थे और हर खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार थे।”
मेजर जनरल ने साफ कहा कि भारतीय सेना ने आतंक के अड्डों को बेहद सटीकता से निशाना बनाया, जिससे नागरिकों को कोई नुकसान न हो। यही वजह है कि पाकिस्तान भी ऑपरेशन के दौरान भारतीय जवाबी हमलों की पेशेवर क्षमता को मान्यता देने को मजबूर हुआ।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि पाकिस्तान के पास न तो भारत के भीतर वैध लक्ष्य हैं और न ही भारतीय सेना का सामना करने की ताकत। इसलिए वह आतंकवाद और ड्रोन हमलों के जरिए छुपकर वार करता है। लेकिन भारतीय सेना हर हमले का माकूल जवाब देगी।
“अगर पाकिस्तान ने फिर से आतंकवाद का सहारा लिया, तो उसका विनाश तय है,” मेजर जनरल ने दो टूक कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है — सिर्फ स्थगित हुआ है। इसका अगला चरण और भी निर्णायक हो सकता है।