नई दिल्ली। भारत के एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम ‘सुदर्शन चक्र’ ने एक बार फिर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। अमृतसर से जम्मू, पठानकोट से भुज तक पाकिस्तान की ओर से होने वाली हमलावर कार्रवाइयों को नाकाम करते हुए इस प्रणाली ने दुश्मन के ड्रोनों और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे देश के किसी भी क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं हुआ।
भारत के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान, दुश्मन के किसी भी जवाबी हमले को नाकाम करने के लिए ‘सुदर्शन चक्र’ को तुरंत सक्रिय किया गया था। इस रणनीतिक कदम से भारतीय लड़ाकू विमानों को सुरक्षित रूप से ऑपरेशन पूरा करने में मदद मिली। पाकिस्तान ने 8 और 9 मई की रात भारतीय वायुसेना के एयरबेस को निशाना बनाते हुए मिसाइल और ड्रोन से हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने उनकी हर कोशिश को विफल कर दिया।
पाकिस्तान ने जम्मू, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और गुजरात में विभिन्न सेक्टरों में 8 मिसाइलें दागीं, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया। जम्मू और कश्मीर के अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे सैन्य स्टेशनों पर पाकिस्तान द्वारा किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों का भी यही हश्र हुआ। उधमपुर में पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में नष्ट कर दिया गया, जिससे किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाव हुआ।
यूक्रेन युद्ध के बीच, रूस ने अब तक भारत को तीन एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति की है, जबकि दो और सिस्टम जल्द ही भारत को मिलेंगे। भारतीय वायुसेना ने इसे भगवान कृष्ण के शक्तिशाली ‘सुदर्शन चक्र’ के नाम पर नामित किया है। एस-400 प्रणाली की मिसाइलें 20, 30 और 60 किलोमीटर की ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट कर सकती हैं। यह प्रणाली एक साथ 80 से ज्यादा मिसाइलों या हवाई हमलों का जवाब देने में सक्षम है।
चीन और पाकिस्तान से आने वाले खतरों को देखते हुए, भारत के लिए एस-400 की यह ताकतवर रक्षा प्रणाली बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही है। रूस के साथ 35 हजार करोड़ रुपये के समझौते के तहत भारत को एस-400 सिस्टम की पांच इकाइयां मिलनी हैं, जिनमें से दो को भारतीय सीमा के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है। पूरी दुनिया इस प्रणाली की ताकत से हैरान है, जो 400 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों, लड़ाकू विमानों को नष्ट कर सकती है।
