लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खालसा पंथ के स्थापना दिवस और बैसाखी पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। रविवार को याहियागंज स्थित गुरुद्वारे में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना कर देश और धर्म की रक्षा का महत्वपूर्ण संदेश दिया था।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह जी का उद्देश्य था कि ”सकल जगत में खालसा पंथ जागे, जगे धर्म हिन्दू, सकल भंड भाजे।” उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी ने औरंगजेब के अत्याचारों के खिलाफ खालसा पंथ की नींव रखी थी। मुख्यमंत्री ने खालसा पंथ के 325 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि सिख समुदाय ने हर मुश्किल समय में अपने शौर्य और पराक्रम से देश और धर्म की रक्षा की है।
गुरु गोविंद सिंह के उपदेश हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब औरंगजेब का क्रूर शासन था और हिंदू धर्म पर गंभीर संकट था, तब गुरु गोविंद सिंह ने अपने एक लाख शिष्यों के साथ इस संकट के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने खालसा का नाम रखा, जो ‘परमात्मा के विशेष जन’ के रूप में कार्य करने का प्रतीक था। उनके उपदेश आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। योगी ने कहा कि सिख समुदाय कभी भी अपने रास्ते से नहीं भटकता, इसी कारण वे हमेशा ”सरदार” कहलाते हैं।
धर्मांतरण पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा
मुख्यमंत्री ने पंजाब और तराई क्षेत्र में धर्मांतरण की घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने बिना किसी भेदभाव के पंज प्यारे चुने थे, और आज भी गुरुद्वारों में हर व्यक्ति को बिना भेदभाव लंगर मिलता है, फिर भी धर्मांतरण की घटनाएं हो रही हैं। इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
तराई के युवाओं से पलायन न करने की अपील
मुख्यमंत्री ने तराई क्षेत्र के सिख युवाओं से अपील की कि वे विदेश पलायन करने के बजाय, गुरु गोविंद सिंह की परंपराओं का पालन करते हुए मेहनत और पुरुषार्थ के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि जो कौम अपनी मेहनत से पीछे हटती है, उसके सामने संकट आता है।
गुरु तेग बहादुर की 350वीं जयंती पर भव्य आयोजन की योजना
मुख्यमंत्री ने गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर की 350वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश में भव्य आयोजन किया जाएगा। उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंध समितियों से इसे सफल बनाने की अपील की और कहा कि गुरु परंपरा के प्रति सच्ची श्रद्धा तभी होगी जब उनके आदर्शों को जीवित रखा जाएगा।
इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्य मंत्री सरदार बलदेव सिंह औलख, विधायक मुकेश शर्मा, और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।