नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जानकारी दी कि सत्र के दौरान 10 सरकारी विधेयकों को पुनः प्रस्तुत किया गया और कुल 16 विधेयक, जिनमें वक्फ संशोधन विधेयक-2025 भी शामिल है, पारित किए गए।
सत्र के दौरान हंगामे के बावजूद लोकसभा की 26 बैठकें आयोजित हुईं और इसकी कुल उत्पादकता 118 प्रतिशत से अधिक रही। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा में 173 सांसदों ने भाग लिया, जबकि केंद्रीय बजट पर 169 सदस्यों ने अपने विचार रखे। उन्होंने यह भी बताया कि 3 अप्रैल को शून्यकाल में 202 सदस्यों ने लोकहित के मुद्दे उठाए, जो अब तक एक ही दिन में शून्यकाल के दौरान उठाए गए विषयों का एक रिकॉर्ड है।
राज्यसभा की बात करें तो सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि इस बार उच्च सदन की उत्पादकता 119 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि यह सत्र राज्यसभा के इतिहास की अब तक की सबसे लंबी बैठक के रूप में दर्ज हुआ है।
वक्फ संशोधन विधेयक-2025 को संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दे दी है। लोकसभा ने बुधवार को 12 घंटे की चर्चा के बाद विधेयक पारित किया, जबकि राज्यसभा ने इसे गुरुवार को लगभग 14 घंटे की बहस के बाद स्वीकृत किया। राज्यसभा में 128 सांसदों ने इसके पक्ष में और 95 ने विरोध में मतदान किया।
सरकार ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, बल्कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है। हालांकि, विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया।