संयुक्त राष्ट्र नारकोटिक ड्रग्स आयोग में पाकिस्तान को सदस्यता, सवालों के घेरे में पुराना रिकॉर्ड

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र नारकोटिक ड्रग्स आयोग (CND) ने पाकिस्तान को 2026 से 2029 तक के लिए चार साल की सदस्यता प्रदान की है। यह निर्णय संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में हुए मतदान के दौरान लिया गया। पाकिस्तान के स्थायी मिशन ने इस चयन की पुष्टि करते हुए सदस्य देशों को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है।

मिशन के बयान में कहा गया कि पाकिस्तान का चुनाव अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मादक पदार्थों के नियंत्रण में उसकी भूमिका पर भरोसे को दर्शाता है। बयान में यह भी दावा किया गया कि पाकिस्तान लंबे समय से ड्रग्स की तस्करी, उत्पादन और उपभोग के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सक्रिय रहा है।

हालांकि, पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड इस दावे से मेल नहीं खाता। 2013 में संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स एंड क्राइम कार्यालय (UNODC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 76 लाख लोग नशे की लत के शिकार हैं, जिनमें 78% पुरुष और 22% महिलाएं हैं। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई थी कि यह संख्या हर साल लगभग 40,000 की दर से बढ़ रही है, जिससे पाकिस्तान विश्व के सबसे अधिक ड्रग्स प्रभावित देशों में गिना जाता है। हेरोइन, कोकीन और हशीश का यहां बड़े पैमाने पर सेवन होता है।

इसके अलावा, 2024 में पाकिस्तान की एंटी-नारकोटिक्स फोर्स ने एक सनसनीखेज खुलासा किया था कि लाहौर पुलिस की मादक द्रव्य विरोधी इकाई का प्रमुख, मजहर इकबाल, भारत में ड्रग्स की तस्करी में शामिल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, वह ड्रोन के माध्यम से भारत में हेरोइन भेजने के नेटवर्क का हिस्सा था और 1994 से अब तक उसे 45 बार निलंबित किया जा चुका है। इसके बावजूद उसे अहम पद पर बनाए रखा गया, जिसने पाकिस्तान की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पाकिस्तान की CND में सदस्यता ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई हलकों में आश्चर्य और चिंता दोनों को जन्म दिया है।

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