श्रृंगार गौरी दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, भव्य शोभायात्रा निकाली गई

वाराणसी। चैत्र नवरात्र के चौथे दिन बुधवार को वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित माता श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर हिंदू संगठनों, वादिनी महिलाओं और अधिवक्ताओं समेत ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने माता के दरबार में पहुंचकर श्रद्धा व्यक्त की। वर्ष में केवल एक दिन के लिए खुलने वाले इस पावन स्थल पर भक्तों ने विधिवत पूजन-अर्चन कर श्रृंगार सामग्री अर्पित की और सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा।

इससे पहले, वादिनी महिलाओं के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के नेतृत्व में मैदागिन स्थित गोरखनाथ मठ से माता श्रृंगार गौरी की पूजा के लिए भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें चारों वादिनी महिलाएं भी शामिल हुईं।

श्रृंगार गौरी केस के मुख्य अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मीडिया को बताया कि वे मां श्रृंगार गौरी के चरणों में न्यायालय में चल रहे संघर्ष में विजय की कामना करेंगे। इसी क्रम में ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के सदस्यों ने माता रानी की आरती उतारी। इस दौरान ज्ञानवापी परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं को सत्यनारायण मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार-बी से सुबह 8:30 बजे से प्रवेश दिया गया। महिला श्रद्धालुओं को प्राथमिकता दी गई, जिससे उनकी लाइन आगे रही।

ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के बैनर तले भक्तों का दल कलश में गंगाजल लेकर मंदिर पहुंचा। पूरे धाम क्षेत्र में ‘हर-हर महादेव’ के गगनभेदी जयकारे, शंखनाद, डमरू वादन और मंत्रोच्चार गूंजते रहे। भक्तों ने प्राचीन मूर्ति के टूटे पत्थरों पर सिंदूर और चंदन का लेपन कर पुष्प और नैवेद्य अर्पित किए। पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माता की आराधना संपन्न कराई।

इसी क्रम में चौक चित्रा सिनेमा के पास से गुलशन कपूर के नेतृत्व में श्रद्धालुओं का एक और दल दर्शन के लिए निकला। श्रद्धालु हाथों में पूजन सामग्री, माला-फूल और ध्वज लेकर पहुंचे। उन्होंने ज्ञानवापी कूप के जल से माता के विग्रह को स्नान कराया और भव्य मंदिर निर्माण की प्रार्थना की। श्रृंगार गौरी दर्शन के बाद भक्तों ने ज्ञानवापी कूप के जल से काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया और माता अन्नपूर्णा तथा ढुंढीराज गणेश के दर्शन के उपरांत ज्ञानवापी परिसर में सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद दर्शन-पूजन यात्रा संपन्न कर सभी श्रद्धालु अपने घर लौटे।

इससे पहले, मंगलवार शाम को श्री काशी विश्वनाथ धाम के सभागार में ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद की बैठक हुई, जिसमें श्रृंगार गौरी दर्शन-पूजन, ज्ञानवापी व्यास जी तहखाना और बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन की रूपरेखा तय की गई। बैठक में काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र, डिप्टी एसडीएम शंभू शरण, पुलिस उपायुक्त, ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्र, अधिवक्ता अनघ शुक्ल, पतंजलि पांडेय समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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