श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर कलश की स्थापना

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह के मुख्य शिखर पर सोमवार को कलश स्थापित किया गया। शिखर का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में है।

कलश स्थापना से पहले विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया कि सोमवार को सुबह 9:15 बजे कलश पूजन विधि शुरू हुई, और 10:15 बजे कलश को शिखर पर स्थापित कर दिया गया।

उन्होंने आशा जताई कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन श्रीराम दरबार की स्थापना हो जाएगी। जून महीने में किसी शुभ तिथि पर सभी विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा। मुख्य समारोह से दो दिन पहले अनुष्ठानिक प्रक्रियाओं जैसे जलवास, अन्नवास, औषधिवास, और शैय्यावास की शुरुआत होगी।

महासचिव ने यह भी बताया कि सभी मूर्तियां लगभग तैयार हैं, और उनके वस्त्र तथा आभूषण तैयार किए जा रहे हैं। 15 अप्रैल के बाद मूर्तियों को मंदिर में लाने का सिलसिला शुरू होगा। सफेद मकराना पत्थर से बनी इन मूर्तियों का वजन ज्यादा है, इसलिए इन्हें सावधानीपूर्वक लाकर तय स्थानों पर स्थापित किया जाएगा। संत तुलसीदास की मूर्ति पहले ही स्थापित हो चुकी है। कुल मिलाकर 18 मूर्तियां जयपुर से आएंगी, जिनमें महर्षि बाल्मीकि, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी, अहिल्या आदि की मूर्तियां शामिल हैं। परकोटे में अन्नपूर्णा, हनुमान जी और शिव के विग्रह भी स्थापित होने हैं। शेषावतार मंदिर की मूर्तियां आने में कुछ समय है। इसके अलावा, अप्रैल तक टावर क्रेन हटाने के बाद उत्तर और दक्षिण परकोटे का निर्माण पूरा किया जाएगा।

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