श्रीमंत झा ने एशियन पैरा-आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता, शहीदों को समर्पित

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी और एशिया के नंबर-1 पैरा-आर्म रेसलर श्रीमंत झा ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। दिल्ली में आयोजित एशियन पैरा-आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप 2025 के +85 किलोग्राम कैटेगरी में शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कांस्य पदक जीता। श्रीमंत ने अपनी जीत को भारत के शहीद जवानों को समर्पित किया, जिससे देशवासियों के दिलों में गहरी भावनाएं उमड़ीं।

श्रीमंत झा, जिनके नाम 55 अंतरराष्ट्रीय पदक हैं, ने इस ऐतिहासिक जीत के बाद कहा, “मैं हर मैच शहीदों के सम्मान में खेलता हूं। यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि मेरे लिए एक मिशन है।” उन्होंने आगे कहा कि उनकी नजर अब आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स पर है और वे भारत को और भी गर्वित करने के लिए लगातार मेहनत करेंगे।

श्रीमंत झा की यात्रा केवल खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संघर्ष, समर्पण और संकल्प की कहानी है। वे दोनों हाथों में केवल चार उंगलियां होने के बावजूद दुनिया के तीसरे नंबर के और एशिया के नंबर-1 पैरा-आर्म रेसलर बन चुके हैं। उनका यह अद्वितीय जज़्बा लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर पीपुल्स आर्म रेसलिंग फेडरेशन इंडिया की अध्यक्ष प्रीति झींज्ञानी, छत्तीसगढ़ आर्म रेसलिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष जी. सुरेश बाबे, चेयरमैन बृजमोहन सिंह, सचिव श्रीकांत और कृष्ण साहू ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं।

श्रीमंत झा का यह कांस्य पदक केवल उनकी कड़ी मेहनत का फल नहीं, बल्कि हर उस भारतीय का गर्व है जो हमारे सैनिकों की कड़ी सेवा और बलिदान को सम्मानित करता है। अब उनका अगला लक्ष्य है विश्व चैंपियनशिप में भारत का नाम ऊँचा करना।

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