शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर सोमवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। दिल्ली से आई इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट की लैंडिंग के दौरान पायलट को अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ा, जिससे विमान रनवे से थोड़ा आगे निकल गया। हालांकि, गनीमत रही कि किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ।
इस फ्लाइट में हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अतुल वर्मा समेत कुल 30 यात्री सवार थे, जो करीब 25 मिनट तक विमान में ही फंसे रहे। घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस मामले को उठाने की बात कही।
कैसे हुई घटना?
यह घटना सोमवार सुबह 8:20 बजे हुई, जब दिल्ली से शिमला पहुंची फ्लाइट लैंडिंग के दौरान ठीक से नियंत्रित नहीं हो पाई। पायलट को मजबूरी में इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ा, जिससे विमान रनवे से थोड़ा आगे चला गया और कुछ देर तक वहीं खड़ा रहा। इस दौरान यात्री घबराहट में रहे, लेकिन बाद में सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
छोटे रनवे के कारण हुई दिक्कत?
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, जो इसी फ्लाइट में सफर कर रहे थे, ने बताया कि जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट का रनवे पहले से ही छोटा है, और संभवतः इसी कारण लैंडिंग में दिक्कत आई। विमान में सवार यात्रियों को करीब 25 मिनट तक इंतजार करना पड़ा।
इस घटना के चलते शिमला से धर्मशाला जाने वाली अगली फ्लाइट को भी रद्द करना पड़ा, जिससे यात्रियों को असुविधा हुई।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से समाधान की मांग की
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को केंद्र के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के समक्ष रखेगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और कोई जनहानि नहीं हुई है।
एयरपोर्ट विस्तार की योजना
शिमला शहर से लगभग 24 किमी दूर स्थित जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट का रनवे वर्तमान में 1200 मीटर लंबा है, जिसके कारण यहां सिर्फ 42 सीटर छोटे विमान ही उतर सकते हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इसे 1500 मीटर तक बढ़ाने की योजना बनाई है, जिससे 72 सीटर विमान भी उतर सकेंगे। इसके विस्तार से हवाई यातायात में सुधार होगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।