शांता कुमार ने न्यायपालिका की साख पर उठाए सवाल, हाई कोर्ट के दो जजों पर कड़ी कार्रवाई की मांग

पालमपुर। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने देश की न्यायपालिका को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने उच्च न्यायालय के दो जजों के विवादास्पद मामलों का हवाला देते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

शनिवार को जारी बयान में शांता कुमार ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के एक जज के बंद घर में आग लगने के बाद 16 करोड़ रुपये के अधजले नोट मिलने की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इतनी बड़ी रकम जज के घर में क्यों और कैसे पहुंची? यह मामला पूरे देश में चिंता और बहस का विषय बन गया है।

उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक विवादास्पद फैसले का भी उल्लेख किया, जिसमें एक 11 वर्षीय नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में न्यायाधीश ने कहा कि लड़की के निजी अंगों को पकड़ना और सलवार का नाड़ा खोलने की कोशिश करना ‘दुष्कर्म’ की परिभाषा में नहीं आता। शांता कुमार ने इस फैसले को अमानवीय बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले पढ़कर मन कांप उठता है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने देश में बढ़ते अपराधों, खासकर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अपराधियों को पकड़ने और सजा दिलाने की प्रक्रिया में भारी खामियां हैं। यदि उच्च न्यायालय के जजों का यह स्तर है, तो निचली अदालतों की स्थिति की कल्पना करना भी भयावह है।

शांता कुमार ने स्पष्ट कहा कि इन दोनों जजों के खिलाफ केवल तबादला पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनके खिलाफ सख्त और निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे न्यायाधीश किसी पंचायत में पंच बनने के भी लायक नहीं हैं। सरकार और नेताओं से उन्होंने आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और न्याय व्यवस्था में सुधार लाएं।

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