वीएस जग्गी समेत कई हस्तियों को मिला डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय समर्पण पुरस्कार

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज में छठे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय समर्पण पुरस्कार 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिक्षा, खेल, कला और समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाली प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित किया गया।

खेल, शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को सम्मान

इस वर्ष पुरस्कार पाने वालों में कई नामी हस्तियां शामिल रहीं। सम्मानित व्यक्तियों में प्रो. अजय कुमार अरोड़ा (प्राचार्य, रामजस कॉलेज), डॉ. विकास गुप्ता (रजिस्ट्रार, दिल्ली विश्वविद्यालय), प्रो. वीर वीरेंद्र सिंह (प्राचार्य, जेपीएस हिंदू कॉलेज, अमरोहा), विधायक अजय महावर (गोंडा विधानसभा क्षेत्र), वीएस जग्गी (एसोसिएट प्रोफेसर, श्याम लाल कॉलेज) को खेलों में योगदान के लिए, डॉ. सुनील विश्वकर्मा को कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में तथा उमेश जोशी को स्व-नियोजित पेशेवर के रूप में सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि और विशिष्ट जनों के विचार

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पवन जिंदल (क्षेत्रीय संघचालक, उत्तर क्षेत्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने समर्पण और सेवा भावना के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सच्ची सेवा का मूल्यांकन बाहरी सराहना से नहीं, बल्कि व्यक्ति के निरंतर प्रयासों से होता है। सम्मानित अतिथि रवि शेखर ने भी प्रेरणादायक विचार साझा किए, उन्होंने कहा कि “एक गलत कर्म सैकड़ों अच्छे कार्यों पर भारी पड़ सकता है, इसलिए सही दिशा में कार्य करना आवश्यक है।”

आयोजन समिति और चयन प्रक्रिया

कार्यक्रम का संचालन प्रो. हेमचंद जैन (प्राचार्य, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज) ने किया और उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत किया। आयोजन समिति में प्रो. सुनीता अरोड़ा, प्रीति गोयल, डॉ. अनेक गोयल, सुधा पांडे, पवन त्यागी, डॉ. रेखा, अनिल, डॉ. रुपेश और विकास मित्तल शामिल थे। पुरस्कार विजेताओं का चयन विवेक चौहान, सुधांशु सुतर, कुसुम, अकरम शाह और डॉ. जतिंदर सिंह की जूरी ने किया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और पुस्तक विमोचन

समारोह की शुरुआत में दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज के छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा। इस अवसर पर लेखक संतोष मिश्रा की पुस्तक “संघ: सेवा, समृद्धि और समाज” का भी उल्लेख किया गया, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की उत्पत्ति, विचारधारा, कार्यप्रणाली और समाज में उसकी भूमिका पर प्रकाश डालती है।

समारोह का सफल आयोजन शिक्षा, खेल और समाज सेवा में योगदान देने वालों को प्रोत्साहित करने की इस परंपरा को और मजबूत करता है।

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